अरबिंदो, एम्क्योर, हेटेरो लैब्स, लॉरस लैब्स, ल्यूपिन और जायडस कैडिला जैसी भारत की छह दवा कंपनियां सहित कुल सात कंपनियों को 7 जुलाई 2016 को संयुक्तराष्ट्र द्वारा चिह्नित पेटेंटशुदा दवाओं के पूल एमपीपी में एचआईवी-एड्स और हेपेटाइटिस-सी की दवाओं के विनिर्माण का लाइसेंस मिला है. सातवीं कंपनी चीन की डेसानो है.
संयुक्तराष्ट्र समूह के विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ का जोर एचआईवी और हेपेटाइटिस-सी की दवाएं किफायती दर पर सुलभ कराने पर है, और इसीलिए एमपीपी ने इन सभी कंपनियों के साथ इन पेटेंटशुदा दवाओं के जेनेरिक संस्करण तैयार करने के लिए कुल नौ नए उप-लाइसेंस समझौते किए हैं.
इन नए लाइसेंसों से कम और मध्यम आयवर्ग वाले देशों में इन बीमारियों से जूझ रहे लाखों लोगों को सस्ती दर पर अच्छी मात्रा में इन दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.
एमपीपी इन कंपनियों के साथ काम करता रहेगा ताकि इसे जरूरतमंदों तक तेजी से आपूर्ति की जा सके.

Comments
All Comments (0)
Join the conversation