हिन्दी के कथाकार काशीनाथ सिंह के उपन्यास रेहन पर रग्घू और इतिहासकार रामचंद्र गुहा सहित 22 भारतीय भाषाओं के सहित्यकारों को वर्ष 2011 के साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया. तमिल भाषा में लिखित उपन्यास कवल कोट्टम एस वेंकटेशन का प्रथम और एकमात्र कृति है.
अकादमी के अध्यक्ष सुनील गंगोपाध्याय की अध्यक्षता में हुई कार्यकारी मंडल की बैठक में अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त 24 भाषाओं में से 22 भाषाओं के निर्णायक मंडल द्वारा चुनी गई पुस्तकों को वर्ष 2011 के साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया. मैथिली भाषा की निर्णायक मंडल की बैठक नहीं हो पाने के कारण इसके लिए किसी पुस्तक का चयन नहीं किया गया है, लेकिन इसकी घोषणा बाद में करने का निर्णय लिया गया. तकनीकी कारणों से नेपाली भाषा के किसी भी लेखक का चयन नहीं किया गया. चयनित लेखकों की घोषणा साहित्य अकादमी द्वारा 21 दिसंबर 2011 को की गई.
साहित्य अकादमी पुरस्कार के रूप में प्रत्येक लेखक को ताम्रफलक, शॉल और एक लाख रुपए की नकद राशि प्रदान की जाती है. यह सम्मान दिल्ली में 14 फरवरी 2012 को प्रदान किए जाने हैं.
वर्ष 2011 के पुरस्कार के लिए 8 कविता, 7 उपन्यास, 3 निबंध, 1-1 कहानी, इतिहास, जीवनी और नाटक की पुस्तकों का चयन किया गया. पुरस्कार 1 जनवरी 2007 से 31 दिसंबर 2011 के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों पर दिया गया है. पुरस्कार हेतु चयनित विधा साहित्य, साहित्यकार और उनकी भाषा निम्नलिखित है.
उपन्यास: काशीनाथ सिंह (रेहन पर रग्घू, हिन्दी ), गोपालकृष्ण पै (स्वप्न सारस्वत, कन्नड), क्षेत्री बीर (नंगबु डगाईबाड़ा, मणिपुरी), कल्पना कुमारी देवी (अचिह्न बासभूमि, उड़िया), बलदेव सिंह (ढावां दिल्ली दे किंगरे.., पंजाबी), अतुल कनक (जून जातरा, राजस्थानी), एस वेंकटेशन (कवल कोट्टम, तमिल)
काव्य संग्रह: हरेकृष्ण शतपथी (भारतायनम, संस्कृत), खलील मामून (आफ़ाक़ की तरफ़, उर्दू), नसीम शफाई (न छाय न अक्स, कश्मीरी), मनीन्द्र गुप्त (बने आज कनचेटरे, बांग्ला), दिवंगत कबीन फुकन (एई अनुरागी एई उदास, असमिया), प्रेमानन्द मोसाहारि (अखाफोरनि दैमा, बोडो), आदित्य कुमार मांडी (बंचाओ लरहाई, संथाली), मेल्विन रोड्रीगस (प्रकृतिचो पास, कोंकणी)
निबंध संग्रह: ललित मंगोत्रा (चेतें दियां ग’लियां, डोगरी), ग्रेस (वार्याने हलते रान, मराठी) शामला सदाशिव (स्वरालयालु, तेलुगु)
कहानी संग्रह: मोहन परमार( अंचलो, गुजराती)
जीवनी: एम के सानू (बशीर: एकान्त वीथियिले अवधूतन, मलयालम)
नाटक: मोहन गेहानी (‘..ता ख्वाबां जो छा तिंडो, सिन्धी)
इतिहास: रामचंद्र गुहा (इंडिया आफ्टर गांधी, अंग्रेजी)
Comments
All Comments (0)
Join the conversation