अमेरिकी रक्षा विभाग, पेंटागन ने 9 अक्टूबर 2014 को पहले से लगे दो प्रौद्योगिकियों को भारत को हस्तांतरित करना मंजूर किया. पेंटागन ने भारत के साथ रणनीतिक सहयोगात्मक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परियोजनाओँ के लिए 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर भी आवंटित किया.
इस बात की घोषणा भारत–अमेरिका रक्षा व्यापार और प्रौद्योगिकी पहल (डीटीटीआई) के पेंटागन प्वाइंट पर्सन फ्रैंक केनडाल ने वाशिंगटन में आयोजित अमेरिका– भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) के वार्षिक समारोह में की. हालांकि, फ्रैंक केनडाल अमेरिका द्वारा दिए जाने वाले दो लाइसेंसों का विवरण नहीं दिया गया.
किए गए अन्य फैसले
• केनडाल और उनके भारतीय समकक्ष डीटीटीआई के मोहन कुमार डीटीटीआई के लिए लिखित फ्रेमवर्क बनाने पर सहमत हुए.
• भारत अब अनुसंधान, विकास, परीक्षण और मूल्यांकन समझौता ज्ञापन (आरडीटी एंड ई एमओयू) के नवीकरण के अनुमोदन को अंतिम रूप देने पर काम करेंगे.
• उन्होंने विशेष सह– विकास और सह– उत्पादन अवसरों की पहचान के लिए प्रयासों को जारी रखने पर भी सहमति जताई.
• यूएस एआई शैफर के रिसर्च और इंजीनियरिंग के कार्यवाहक रक्षा सहायक सचिव रक्षा मंत्रालय के वैज्ञानिक सलाहकार के साथ विशेष वैज्ञानिक एवं प्रौद्योहिकी परियोजनाओं विकसित करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे.
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