आइसलैंड के सबसे सक्रिय ग्रीम्स्वोत्न ज्वालामुखी (Grimsvotn volcano) में विस्फोट होने के बाद देश के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा यानी केफ्लाविक हवाई अड्डा को बंद कर दिया गया. 22 मई 2011 को ग्रीम्स्वोत्न ज्वालामुखी (Grimsvotn volcano) में विस्फोट के कारण से निकले लावे के कारण राख और धुआं हवा में 12 मील तक फैल गया.
केफ्लाविक हवाई अड्डा और वायु परिवहन नियंत्रण परिचालक के अनुसार ग्रीम्स्वोत्न ज्वालामुखी (Grimsvotn volcano) में विस्फोट के बाद हवाई अड्डे पर किसी विमान ने उड़ान नहीं भरी और न ही कोई विमान उतरा. हालांकि आइसलैंड के मौसम विभाग के अनुसार इससे जल्द छुटकारा पाया जा सकता है क्योंकि वर्ष 2010 में हुए ज्वालामुखी विस्फोट की तरह इस बार का विस्फोट नहीं है और साथ ही उससे निकली राख भी ज्यादा बारिक नहीं है.
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