सर्वोच्च न्यायालय ने‘आधार’की अनिवार्यता खत्म करने का अंतरिम आदेश 24 मार्च 2014 को दिया.
अंतरिम आदेश जारी करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि, अगर सरकार ने सरकारी सेवाओं के लिए आधार की अनिवार्यता से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं तो उसे तत्काल वह वापस ले. इससे पूर्व सर्वोच्च न्यायालय ने सितंबर 2013 के अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि किसी भी व्यक्ति को 'आधार कार्ड'न होने के कारण सरकारी सेवा या योजना के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता.
सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस बीएस चौहान और जस्टिस जे चेलमेश्वर की पीठ ने 24 मार्च 2014 को बांबे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए अंतरिम आदेश जारी किया.
विदित हो कि बांबे हाई कोर्ट की गोवा पीठ ने एक बलात्कार मामले को सुलझाने के लिए आधार कार्ड जारी करने के लिए जुटाए गए डाटा को सीबीआइ के साथ साझा करने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट के फैसले को यूआइडीएआई ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. जिसमे यूआइडीएआई प्राधिकरण का कहना था कि इससे गलत परंपरा शुरू हो जाएगी और विभिन्न जांच एजेंसियां व पुलिस जांच के लिए लोगों के बायोमेट्रिक और अन्य डाटा मांगने लगेंगी. जबकि संबंधित व्यक्ति की अनुमति के बगैर किसी के भी साथ उसकी पहचान के आंकड़े साझा करना यूआइडीएआई प्राधिकरण के मौजूदा नीति के खिलाफ है.
यूआइडीएआई प्राधिकरण ने बताया कि आधार के लिए करीब 60 करोड़ लोगों ने पंजीकरण कराया है.उनके डाटा साझा करने से नागरिक अधिकारों का उल्लंघन होगा.इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि आरोपी की बिना सहमति के बायोमेट्रिक या अन्य कोई आंकड़ा किसी भी एजेंसी के साथ साझा नहीं किया जाना चाहिए.इसके साथ पीठ ने सीबीआइ व संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा.साथ ही इस याचिका को भी आधार कार्ड की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका के साथ संलग्न करने का आदेश दिया.पीठ ने सभी विभागों को सर्कुलर जारी कर यह स्पष्ट करने को कहा कि आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है.
आधार की अनिवार्यता खत्म करने के सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश से संबंधित मुख्य तथ्य:-
• सर्वोच्च न्यायालय ने ‘आधार’ की अनिवार्यता खत्म करने का अंतरिम आदेश 24 मार्च 2014 को दिया.
• सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस बीएस चौहान और जस्टिस जे चेलमेश्वर की पीठ ने बांबे हाई कोर्ट के गोवा पीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए अंतरिम आदेश जारी किया.
• बांबे हाई कोर्ट की गोवा पीठ ने एक बलात्कार मामले को सुलझाने के लिए आधार कार्ड जारी करने के लिए जुटाए गए डाटा को सीबीआइ के साथ साझा करने का आदेश दिया था.
• बांबे हाई कोर्ट की गोवा पीठ के फैसले को यूआइडीएआइ प्राधिकरण ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.
• यूआइडीएआइ प्राधिकरण के अनुसार संबंधित व्यक्ति की अनुमति के बगैर किसी के भी साथ उसकी पहचान के आंकड़े साझा करना यूआइडीएआइ प्राधिकरण के मौजूदा नीति के खिलाफ है.
• सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार संबंधित व्यक्ति की अनुमति के बगैर किसी के भी साथ उसकी पहचान के आंकड़े साझा करना व्यक्ति के गोपनीयता से संबंधित नागरिक अधिकारों का उल्लंघन होगा.
• गोपनीयता से संबंधित नागरिक अधिकारों की व्याख्या भारत के संविधान में लिखित नहीं है, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने अपने विभिन्न फैसले में संविधान के अनुच्छेद 21 के अर्थ में मौलिक अधिकार के रूप में गोपनीयता से संबंधित नागरिक अधिकारों की व्याख्या की है.
• यूआइडीएआइ प्राधिकरण की स्थापना 28 जनवरी 2009 को हुई थी, जिसमें पंजीकरण कराने वाले व्यक्ति को 12 अंकों की ‘आधार’ संख्या दी जाती है. इसके लिए संबंधित व्यक्ति से जुड़ी तमाम जानकारियां बायोमेट्रिक विधि से एकत्र की जाती हैं.
यूआइडीएआई प्राधिकरण
यूआइडीएआई प्राधिकरण की स्थापना 28 जनवरी 2009 को हुई थी, जिसमें पंजीकरण कराने वाले नागरिकों को 12 अंकों की ‘आधार’ संख्या दी जाती है. इसके लिए संबंधित व्यक्ति से जुड़ी तमाम जानकारियां बायोमेट्रिक विधि से एकत्र की जाती हैं.
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