भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 24 जून 2014 को गैर जमा लेने वाली गैर– बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी– एनडी) को वाणिज्यिक बैंकों के लिए व्यवसाय संवाददाताओं (बिजनेस कॉरेस्पैंडेंट–बीसी) की तरह काम करने की इजाजत दे दी. ऐसा वित्तीय समावेशन के प्रसार के उद्देश्य से किया गया था.
एनबीएफसी– एनडी निम्नलिखित शर्तों के अधीन बीसी के रूप में काम कर सकता है
• यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए की वहां बैंक का कोई पैसा नहीं आ रहा हो और बीसी के तौर पर एनबीएफसी– एनडी की नियुक्ति ..
• हितों से संबंधित सभी विवाद पर पर्याप्त ध्यान रखने के लिए इसमें बैंक और एनबीएफसी– एनडी के बीच विशेष संविदात्मक व्यवस्था होनी चाहिए.
• बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एनबीएफसी–एनडी किसी भी प्रकार का प्रतिबंधात्मक कदम जैसे बचत या प्रेषण कार्य सिर्फ अपने ग्राहकों को ही देना और एनबीएफसी– एनडी को ऐसी सेवाएं देने के लिए मजबूर करना आदि नहीं उठाएगा.
इसके अलावा, आरबीआई ने उस नियम को भी निरस्त कर दिया जिसमें बैंकों को प्रत्येक आउटलेट और शाखा विशेष में बीसी के उप– एजेंट संलग्न करना अनिवार्य था. इससे पहले, बैंकों को अर्द्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों में 30 किलोमीटर और महानगरीय क्षेत्रों में पांच किलोमीट के दायरे में बीसी आउटलेट खोलने की इजाजत थी. ऐसा बीसी पर पर्याप्त निगरानी रखने के उद्देश्य से किया गया है.
आरबीआई ने यह फैसला नचिकेत मोत समिति द्वारा पिरामिड के नीचले स्तर पर ऋण के प्रवाह में तेजी और व्यापार संवावदाताओं (बीसी) के अधिकार क्षेत्रों को बढ़ाने के लिए जिसमें बीसी के रूप में नई संस्थाओं के संभावित समावेशन संभव हो, दी गई सिफारिशओं पर किया है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation