भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वर्तमान वित्त वर्ष 2013-14 के लिए घोषित मौद्रिक नीति की वर्ष की दूसरी तिमाही के समीक्षा 20 सितंबर 2013 को जारी की.
आरबीआई वित्त वर्ष 2013-14 की मौद्रिक नीति मध्य-तिमाही समीक्षा के प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय बैंक ने बैको को मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी (एमएसएफ, Marginal Standing Facility, MSF) के तहत दिये जाने वाले ऋण की दर में 0.75 प्रतिशत अर्थात 10.25 फीसदी से घटाकर 9.5 फीसदी कर दी.
- रिजर्व बैंक ने नगद आरक्षी अनुपात (सीआरआर, Cash Reserve Ratio, CRR) की वर्तमान दर 4 प्रतिशत को तो बरकरार रखा लेकिन सीआरआर के दैनिक प्रचालन हेतु सीमा 99 प्रतिशत से घटाकर 95 प्रतिशत कर दी.
- तरलता समयोजन सुविधा (एलएएफ, Liquidity adjustment facility, LAF) के अंतर्गत रेपो दर को 0.25 प्रतिशत बढ़ाते हुए वर्तमान दर 7.25 से 7.5 प्रतिशत कर दिया.
- एलएएफ के अंतर्गत ही रिवर्स दर को 6.5 प्रतिशत पर समायोजित किया गया.
- बैंक दर को घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया जो कि तत्काल प्रभाव से लागू होना है.
- इन परिवर्तनों के साथ, एमएसएफ दर तथा बैंक दर को रेपो दर से अधिर 200 बेसिस अंकों से पुनःसमायोजित किया गया.
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रिजर्व बैंक के नये गर्वनर रघुराम राजन के पदभार 1 सितंबर 2013 को संभालने के बाद से उनके द्वारा अर्थव्यवस्था की स्थिति को सुधारने की दिशा मे किये गये प्रयासों के कारण उनसे लोगों में ब्याज दरों को लेकर काफी उम्मीदें थीं कि नये गर्वनर ब्याज दरों में राहत दे सकते हैं. हालांकि दूसरी तिमाही की समीक्षा में ऐसा कुछ नहीं किया गया बल्कि गृह ऋण तथा वाहन ऋण के अतिरिक्त अन्य सभी प्रकार के ऋणों की दरें बढ़ेंगी. आरबीआई की समीक्षा जारी होने के साथ ही भारतीय शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा और बीएसई का सेंसेक्स 550 अंक तथा निफ्टी 173 अंक नीचे आ गया.
आरबीआई ने मौद्रिक नीति वर्ष 2013-14 की पहली तिमाही की समीक्षा की, प्रमुख दरों में कोई परिवर्तन नहीं
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