आर्कटिक सागर की बर्फ वर्ष 2015 तक खत्म होने की संभावना है. इंग्लैण्ड के महासागर विज्ञान विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर पीटर वधाम्स की रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई.
कैंब्रिज विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर पीटर वधाम्स के अनुसार आर्कटिक सागर की बर्फ तेजी से सिकुड़ रही है. इसके पूरी तरह पिघल जाने से ध्रुवीय भालू जैसे जानवरों के लिए प्राकृतिक आवास की समस्या खड़ी हो जाएगी.
जलवायु परिवर्तन पर अंतरराष्ट्रीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार भी आर्कटिक सागर की बर्फ वर्ष 2030 खत्म होने की संभावना है. हालांकि प्रोफ़ेसर पीटर वधाम्स ने बताया कि ऐसे अनुमान जलवायु परिवर्तन के तेजी से पड़ने वाले असर के सटीक आकलन में नाकाम रहते हैं. इसीलिए प्रोफ़ेसर पीटर वधाम्स के द्वारा एक नए मॉडल के तहत जलवायु परिवर्तन से पड़ने वाले असर की रिपोर्ट तैयार की गई.
ज्ञातव्य हो कि आर्कटिक सागर उत्तरी रूस, कनाडा और ग्रीनलैंड के बीच में स्थित है. वर्तमान में यह 40 लाख वर्ग किमी के आकार में सिमट गई है.
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