फिल्म निर्माता कंपनी इरोस इंटरनेशनल ने चीन की तीन फिल्म निर्माण कम्पनियों के साथ 16 मई 2015 को समझौता किया. इस समझौते के तहत फिल्मों को बढ़ावा देने, सह-उत्पादन, वितरण तथा साझा मुनाफा तय किया जायेगा.
यह समझौता प्रधानमंत्री की चीन यात्रा के दौरान शंघाई में किया गया था.
फिल्मों के लिए चीन अमेरिका के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार है. वर्ष 2014 में चीन ने फिल्म निर्माण द्वारा 4.8 बिलियन का कारोबार किया तथा 34 प्रतिशत की वृद्धि की. चीन में प्रतिवर्ष 600 फिल्में बनायी जाती हैं.
वर्ष 2000 से अब तक चीन में थिएटर स्क्रीन्स की संख्या 5397 से चार गुना बढ़कर 23,600 हो गयी जबकि भारत में यह संख्या 5,000 है.
इस समझौते के तहत जारी ज्ञापन पत्र पर इरोस इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक सुनील लुल्ला ने हस्ताक्षर किये.
ज्ञापन पत्र में बताया गया है कि भारत-चीन फिल्म निर्माण तथा वितरण के लिए चाइना फिल्म ग्रुप कारपोरेशन (सीएफजीसी), शंघाई फिल्म ग्रुप कारपोरेशन (एसएफजी) तथा फ्युदान यूनिवर्सिटी प्रेस के साथ मिलकर काम करेंगे. इस दौरान इरोस ने एक प्रोजेक्ट की भी घोषणा की जिसके अंतर्गत वे सीएफजीसी के साथ मिलकर “दा तांग जुआन जैंग” (सन्यासी जुआन जैंग) नामक फिल्म बनायेंगे.
इसके अतिरिक्त इरोस ने फ्युदान यूनिवर्सिटी के साथ भी समझौता किया है, इसके तहत फ्युदान भारत में फिल्म बनाने के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकेगा तथा इरोस भी फ्युदान की सहायता से चीन में फिल्म के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकेगा.
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