उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरए मेहता को गुजरात का लोकायुक्त नियुक्त किया गया. इनकी नियुक्ति गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल ने 25 अगस्त 2011 को की. वर्ष 2003 से लोकायुक्त का पद रिक्त था. गुजरात सरकार ने लोकायुक्त के नियुक्ति के फ़ैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी.
विदित हो कि संविधान का अनुच्छेद 163 (1) के अनुसार जिन बातों में संविधान द्वारा या इसके अधीन राज्यपाल से यह अपेक्षित है कि वह अपने कृत्यों या उनमें से किसी को अपने विवेकानुसार कार्य करे, उन बातों को छोड़कर राज्यपाल को कृत्यों का प्रयोग करने में सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी.
राज्यपाल की इस विवेकाधीन अधिकारिता के कारण 42वां संशोधन अधिनियम ने अनुच्छेद 163(1) में उस प्रकार का कोई संशोधन नहीं किया जैसा अनुच्छेद 74(1) में किया गया है.
जो कृत्य अपने विवेकानुसार करने के लिए राज्यपाल को सशक्त किया गया है उनमे उससे यह अपेक्षा नहीं होगी कि वह मंत्रियों की सलाह के अनुसार काम करेगा या उनसे सलाह मांगेगा. यदि यह प्रश्न उपस्थित होता है कि कोई विषय ऐसा विषय है या नहीं जिसमें संविधान के अनुसार राज्यपाल को अपने विवेकानुसार कार्य करना है वहां राज्यपाल का विनिश्चय अंतिम होगा और राज्यपाल द्वारा की गई किसी विधिमान्यता को इस आधार पर प्रश्नगत नहीं किया जाएगा कि उसे अपने विवेकानुसार कार्य करना चाहिए था या नहीं.
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