उड़ीसा राज्य के केंद्रपाड़ा जिले में स्थित भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान को पर्यटकों के लिए 1 अगस्त 2013 से दोबारा खोल दिया गया. इस राष्ट्रीय उद्यान को 15 मई 2013 को मगमच्छों के नेस्टिंग काल (वह समय जबकि अंडे देने वाले जीव अपने अंडों से बच्चे निकलने के लिए उनकी देखभाल करते हैं) के दौरान के बंद कर दिया गया था.
आमतौर पर मादा मगरमच्छ अपने नेस्टिंग काल के दौरान अपने अंडों की सुरक्षा को लेकर काफी आक्रामक हो जाती हैं जिससे बाहरी पर्यटकों के लिए खतरा पैदा हो जाता है. इसी कारण सुरक्षा की दृष्टि से भीरकानिका राष्ट्रीय उद्यान को ढाई महीने के लिए बंद कर दिया गया था.
एक अनुमान के मुताबिक भीतरनिका राष्ट्रीय उद्यान में लगभग 1600 खारे पानी के मगरमच्छ मौजूद हैं. मगरमच्छों में प्रजनन की क्रिया फरवरी से अप्रैल के बीच होती है जबकि इनका नेस्टिंग काल आमतौर पर मई में आरंभ होता है. एक मादा मगरमच्छ एक बार में औसतन 45 अंडे देती है. मगरमच्छों के अंडों से बच्चे 70-80 दिनों में बाहर निकलने लगते हैं. इस दौरान मादा मगरमच्छ अपने अंडों हेतु टहनियों, पत्तियों तथा मिट्टी से घोसले बनाती हैं.
भीरकानिका राष्ट्रीय उद्यान (Bhitarkanika National Park)
भीतरनिका राष्ट्रीय उद्यान उड़ीसा के केंद्रपाड़ा जिले में स्थित है. इसका कुल क्षेत्रफल 672 वर्गकिमी है. भीतरकनिका ब्राहमानी, बैतारानी तथा धामरा नदियों के मुहानों पर स्थित है और भीतरकनिका वन्यजीव अभयारण्य से घिरा हुआ है. भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान को सितंबर 1998 में भीतरकनिका वन्यजीव अभयारण्य के कुछ हिस्से में विकसित किया गया था. भीतरकनिका वन्यजीव अभयारण्य का निर्माण 1975 में किया गया था.
विश्व में खारे पानी के सबसे बड़े मगमच्छ, जिसकी लंबाई 23 फीट है, की मौजूदगी के कारण भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में 2006 में शामिल किया गया था.
भीरनिका को ऑलिव रिडले (Olive Ridley) नामक समुद्री कछुओं के विश्व के सबसे बड़े अड्डे के रूप में भी जाना जाता है.
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