भारतीय इतिहास में अखबारों का अधिक महत्त्व रहा है। स्वतंत्रता आंदोलनों से लेकर देश की आजादी के बाद तक भारतीय अखबार क्रांतिकारी बदलाव की धुरी रहे हैं। अखबारों ने न सिर्फ भारतीय समाज को जागरूक करने का काम किया, बल्कि समाज में फैली कुरितियों को भी खत्म करने में अहम किरदार निभाएं हैं।
आज भी भारत के विभिन्न घरों में अखबारों को गंभीरता के साथ पढ़ा जाता है, जो कि अखबारों की विश्ववश्वनीयता को दर्शाता है। अखबार में इस्तेमाल होने वाले कागज को न्यूजप्रिंट कहा जाता है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि भारत में एक शहर ऐसा भी है, जिसे न्यूजप्रिंट का शहर भी कहा जाता है। कौन-सा है यह शहर, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
किस शहर को ‘Newsprint’ का शहर कहा जाता है
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि भारत में किस शहर को न्यूजप्रिंट का शहर भी कहा जाता है। आपको बता दें कि भारत का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश राज्य में स्थित नेपानगर को न्यूजप्रिंट का शहर भी कहा जाता है।
क्यों कहा जाता है न्यूजप्रिंट का शहर
भारत में नेपानगर को अखबारी कागज के जन्मस्थली के तौर पर जाना जाना जाता है। यही वह स्थान है, जहां भारत की पहली न्यूजप्रिंट मिल लगी थी। भारत का यह स्थान विशेष रूप से अखबारी कागज का उत्पादन करता है, जिस वजह से इसे न्यूजप्रिंट का शहर भी कहा जाता है।
कब लगी थी पहली न्यूजप्रिंट मिल
भारत जब आजाद हुआ था, तो उस समय भारत में अखबारों के लिए विदेशों से कागज आयात किया था। लेकिन, 1947 में यहां नेशनल न्यूजप्रिंट एंड पेपर मिल्स(NEPA) की पहली फैक्ट्री लगी थी। उस समय यह एक निजी कंपनी हुआ करती थी।
1956 में प्रधानमंत्री ने किया उद्घाटन
मिल की स्थापना के समय यह एक निजी मिल थी, लेकिन बाद में सरकार द्वारा इसका अधिग्रहण किया गया। साल 1956 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा इसका औपचारिक उद्घाटन किया गया था। ऐसे में उस समय न्यूजप्रिंट के लिए यह पूरे एशिया में एक खास पहचान के रूप में उभरा था।
मिल के लिए क्यों हुआ नेपानगर का चयन
यहां सोचने वाली बात यह भी है कि आखिर न्यूजप्रिंट के लिए मध्य प्रदेश के नेपानगर को ही क्यों चुना गया। आपको बता दें कि यह मिल मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में है। प्रदेश में जिस जगह पर मिल है, वहां आस-पास खंडवा और बुरहानपुर के जंगल हैं। उस समय यहां सलाई और बांस अधिक मात्रा में उपलब्ध थे। वहीं, उस समय कागज बनाने के लिए सलाई की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता था। मिल के नाम पर ही शहर का नाम नेपानगर पड़ गया।
आज क्या है स्थिति
नेपानगर की इस मिल ने समय के साथ आधुनिक तकनीकों को अपनाया है। सरकार ने इसका पुनर्द्धार किया है। वहीं, नेपानगर में बिजली की आपूर्ति के लिए खुद का ‘कैप्टिव थर्मल पावर प्लांट’ और पानी की आपूर्ति के लिए ताप्ती नदी से पानी लिया जाता है। इस वजह से इस शहर को एक आत्मिर्भर औद्योगिक शहर बनने में मदद मिली है। आज यह शहर भारतीय अखबारों में न्यूजप्रिंट की आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है।
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