उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने राज्य के कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी व उनकी विधायक पत्नी हुस्ना को आय से अधिक संपत्ति जमा करने और मनी लांड्रिंग का जिम्मेदार करार दिया. लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने 929 पेज की जांच रिपोर्ट 22 फरवरी 2012 को मुख्यमंत्री मायावती को भेज दी. साथ ही सिद्दीकी दंपति के खिलाफ सीबीआइ या प्रवर्तन निदेशालय से जांच की संस्तुति भी की.
ज्ञातव्य हो कि नौ दिसंबर 2011 को जगदीश नारायन शुक्ला ने सिद्दीकी दंपति के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने समेत कई शिकायतें की थी. उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने जांच के दौरान इन शिकायतों को सही पाया. लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा की रिपोर्ट में नसीमुद्दीन सिद्दीकी की विधायक पत्नी हुस्ना के नाम बाराबंकी, लखनऊ व बांदा में संपत्ति का जिक्र है.
आयकर रिटर्न के अनुसार हुस्ना द्वारा चार वर्ष में आय एक करोड़ 20 लाख तथा नसीमुद्दीन सिद्दीकी की आय 73 लाख 14 हजार रुपए है. जबकि दोनों की जिन संपत्तियों का मूल्यांकन संबंधित विभागों से कराया गया, उसकी न्यूनतम कीमत 50 करोड़ रुपये आंकी गई. लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा की जांच रिपोर्ट के अनुसार हुस्ना ने काली कमाई से क्यूएफ एजूकेशनल सोसाइटी गठित कर कम दामों पर जमीन खरीदी. सोसाइटी की बैलेंसशीट में पूंजी तथा अन्य अनुदान पर तीन करोड़ 62 लाख से ज्यादा की धनराशि दिखाई गई, जबकि आयकर विभाग की जांच में एक करोड़ 82 लाख का जिक्र मिला. सोसाइटी के ही नाम पर बाराबंकी में 46 लाख में 57.18 बीघा जमीन खरीदी गई. रिपोर्ट में इस जमीन की कीमत 16 करोड़ 39 लाख से भी ज्यादा बताई गई. इसके अलावा हुस्ना पर लखनऊ के छावनी क्षेत्र में 16 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा क्षेत्र में बना बंगला मात्र 50 लाख में खरीदने का आरोप भी साबित किया गया.
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