उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने वर्ष 2013 में आई बाढ़ से तबाह हुए केदारनाथ मंदिर के चारों ओर और उसके आस– पास के इलाके के पुनर्निर्माण कार्य के ब्लूप्रिंट को मंजूरी 20 अक्टूबर 2014 को दी. इस ब्लू प्रिंट को राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने तैयार किया. यह फैसला भी किया गया कि पुनर्निमाण कार्य की जिम्मेदारी बदरी–केदार मंदिर समिति को दी जाए जो कि इन कार्यों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के साथ परामर्श करने के बाद शुरु करेगी. मंदिर के चारो तरफ पुनर्निर्माण कार्य छह चरणों में किया जाएगा और इसके तहत रुद्रप्रयाग और सोनप्रयाग के बीच अच्छी सड़क भी बनाई जाएगी.
हिमालय के इस मंदिर के पचास मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य की इजाजात नहीं होगी और सभी निर्माण कार्य भारतीय भू–गर्भ सर्वेक्षण (जीएसआई) के सिफारिशों के आधार पर किया जाएगा.
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