उत्तराखंड सरकार ने राज्य में पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए वैधानिक निकाय स्थापित करने का निर्णय 1 जुलाई 2013 को किया. देहरादून में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि इस निकाय का नाम उत्तराखंड पुनर्वास और पुनर्निर्माण प्राधिकरण होना है. इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री को बनाया गया.
इसके साथ ही बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नदियों और इनके जलग्रहण क्षेत्रों के तट पर भविष्य में किसी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं दी जानी है. मंत्रिमंडल ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों के गांवों में 1 महीने तक निशुल्क अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने का भी निर्णय किया. आपदा में नष्ट हुए होटलों, ढाबों और खाने-पीने की चीजों के छोटे दुकानदारों को भी मुआवजा दिया जाना है.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने 1 जुलाई 2013 को देहरादून में घोषणा की कि उत्तराखंड में मनरेगा के तहत अतिरिक्त 50 दिन का रोजगार दिया जाना है, इससे यह 150 दिन का हो जाना है.
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