सूर्य से निकली एम-6.3 श्रेणी की सशक्त आवेशित किरणें (कोरोनल मॉस इजेक्शन, सीएमई) पृथ्वी के चुम्बकीय वातावरण से 9 मार्च 2012 को टकराया. नेशनल ओशेनिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार यह सौर तूफान पिछले पांच वर्षों न सबसे बड़ा तूफान व सबसे शक्तिशाली तूफान था. यह सौर तूफान 7 मार्च को शाम को 7.24 मिनट पर सनस्पॉट से रवाना हुआ था और पृथ्वी के चुम्बकीय वातावरण में 9 मार्च 2012 को प्रवेश किया.
वैज्ञानिकों के अपेक्षा से उलट इस सौर तूफान ने कुछ ज्यादा तबाही नहीं मचाई. हालांकि इससे उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर कुछ समय के लिए सभी संचार सेवाएं ठप पड़ गई थीं. इसके अलावा कहीं और कोई इलेक्ट्रानिक या संचार व्यवस्था ठप नहीं पड़ी. नासा के अनुसार 7 मार्च को सूर्य की सतह से दो मजबूत सौर ज्वाला उठा था, जिससे बने प्लाज्मा और आवेशित कण पृथ्वी की ओर बढ़ने लगे थे.
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