भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) म्युचुअल फंड (एमएफ) ने 26 नवंबर 2014 को घोषणा की कि वह 1 दिसंबर 2014 को शरिया इक्विटी फंड लॉन्च करेगा. इसका उद्देश्य भारत के मुस्लिम आबादी से निवेश आकर्षित करना है.
इस फंड को भारत में मुस्लिम नागरिक कानून के पालन की निगरानी करने वाला प्राधिकरण अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मंजूरी दी. इसके साथ ही एसबीआई एमएफ गोल्डमैन सैश एमएफ, टॉरस एमएफ और टाटा एमएफ के साथ भारत में इस्लामिक इक्विटी फंड वाला चौथा फंड हाउस बन जाएगा.
इसके अलावा, इस्लामिक देशों के बाहर भारत दूसरा ऐसा देश बन गया जहां एक राष्ट्रीय बैंक शरीया–अनुवर्ती फंड (शरीया–कम्पाइन्ट फंड) है. जून 2014 में संप्रभु इस्लामिक बॉन्ड्स जारी करने वाला ब्रिटेन पहला देश था.
शरीया इक्विटी फंड के बारे में
• शरीया इक्विटी फंड बड़े, मझोले एवं लघु कैप कपनियों वाला इक्विटी फंड है.
• ये फंड मुख्य रूप से एक प्रकार का निवेश फंड है जो शरीया कानून की सभी जरूरतों और इस्लामिक वित्त के लिए व्यक्त सिद्धातों को पूरा करता है.
• इस फंड को कई प्रकार के नियमों का पालन करना होता है. इन नियमों में सिर्फ शरीया– अनुवर्ती कंपनियों में निवेश, शरीया बोर्ड की नियुक्ति, वार्षिक शरीया ऑडिट कराना और कुछ निषिद्ध प्रकार की आमदनी जैसे ब्याज को दान देकर अच्छे काम में खर्च करना शामिल हैं.
• शराब, तंबाकू, जुआ और कसिनो एवं वित्तीय संस्थानों से जुड़ी कंपनियों के शेयरों को इस फंड से बाहर रखा जाएगा.
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