भारत का नवंबर 2010 में औद्योगिक विकास दर 2.7 फीसदी था, जबकि नवंबर 2009 में यह आंकड़ा 11.3 फीसदी था. केंद्र सरकार द्वारा 12 जनवरी 2011 को जारी औद्योगिक विकास दर का यह आंकड़ा पिछले 18 महीने में सबसे कम है.
केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़े में विनिर्माण क्षेत्र का विकास दर भी 12.3 फीसदी से घटकर 2.3 फीसदी दिखाया गया. उपभोक्ता सामान क्षेत्र में 3.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई जबकि नवंबर 2009 में इसमें 10.1 फीसदी की वृद्धि थी. टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र की वृद्धि दर 36.3 फीसदी से घट कर 4.3 फीसदी पर आ गई.
सिर्फ दो औद्योगिक वर्गों ट्रांसपोर्ट उपकरण (15.6%) व चमड़ा (12.6%) में वृद्धि दर दहाई में दर्ज की गई. 17 औद्योगिक क्षेत्रों में से सिर्फ 9 क्षेत्रों में वृद्धि दर्ज की गई. अन्य 8 क्षेत्रों में ऋणात्मक वृद्धि हुई.
औद्योगिक विकास दर के नए आंकड़ों से यह साफ है कि औद्योगिक मंदी सिर्फ एक-दो जगह तक सिमटी हुई नहीं है, बल्कि यह धीरे-धीरे कई उद्योगों में फैल रही है. औद्योगिक विकास दर किसी भी देश की अर्थव्यवस्था निर्धारित करती है. बढ़ती मंहगाई, औद्योगिक विकास दर में कमी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का कारण बन सकती है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation