वर्ष 2010 के सरस्वती सम्मान के लिए कन्नड़ लेखक एवं उपन्यासकार प्रो़ एसएल भैरप्पा (S L Bhyrappa) का चयन उनके उपन्यास मंद्र (कन्नड़ में प्रकाशित) के लिए किया गया. इनका चयन भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जीबी पटनायक की अध्यक्षता वाली 11 सदस्यीय चयन समिति ने 5 अप्रैल 2011 को किया . क्रम में यह 20वां सरस्वती सम्मान है. इनसे पहले 19 लेखकों को यह सम्मान दिया चुका है. 19वां सरस्वती सम्मान वर्ष 2009 के लिए सुरजीत पातर को लाफ्ज़ं द दरगाह के लिए मिला था, जबकि पहला सरस्वती सम्मान वर्ष 1990 का इस्मत चुघताई को उर्दू साहित्य के लिए मिला था.
विदित हो कि केके बिडला फाउंडेशन की ओर से प्रतिवर्ष दिए जाने वाले इस सम्मान के अंतर्गत विजेता को साढ़े सात लाख रुपए नकद, प्रशस्ति पत्र और पट्टिका दी जाती है. सरस्वती सम्मान के तहत संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं के भारतीय लेखकों की पिछले 10 वर्ष में प्रकाशित कृति को पुरस्कृत किया जाता है. इस पुरस्कार के लिए 2002 में प्रकाशित इस साहित्यिक कृति का चयन 2000 से 2009 में 22 भारतीय भाषाओं में प्रकाशित रचनाओं में से किया गया. मंद्र के हिन्दी और मराठी में अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं, जबकि अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशन के लिए तैयार है.
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