केंद्र सरकार ने निर्यात क्षेत्र में व्यापार की सहूलियतें बढ़ाने और नशीले पदार्थों, हथियारों और देश को नुकसान पहुंचाने वाली अन्य गैरकानूनी चीजों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए जोखिम प्रबंधन प्रणाली (आरएमएस) शुरू की. केंद्र वित्तमंत्री पी चिदम्बरम ने 13 नवम्बर 2013 को नई दिल्ली में इसका उद्घाटन किया.
जोखिम प्रबंधन प्रणाली (आरएमएस) का लाभ
आरएमएस से उत्पाद और सीमा शुल्क विभाग को निर्यात व्यापार बढ़ाने और सामान लाने का कार्य तेजी से निपटाने में सहायता प्राप्त होनी है. इससे भारतीय व्यापार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर स्पर्धा कर सकेगा.
जोखिम प्रबंधन प्रणाली (आरएमएस) से संबंधित मुख्य तथ्य
• आरएमएस एक भरोसेमंद सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली है जिससे व्यापार के संदर्भ में सीमा शुल्क से संबंधित सही-सही घोषणाओं की उम्मीद की जाती है. 
• यह व्यापार संबंधी सुविधा से जुड़ा ऐसा उपाय है जिसके कार्यान्वित होने पर व्यापारिक सौदे में लगने वाले समय को कुछ दिनों से कम करके कुछ घंटे तक किया जा पाना है. 
• आरएमएस के लाभ को ध्यान में रखते हुए इसे विश्व व्यापार संगठन सहित सभी फोरमों में वैश्विक तौर पर भी लागू किया जा रहा है. 
• निर्यात के क्षेत्र में आरएमएस की शुरूआत में बंगलुरू, चैन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, मुम्बई, पूणे और तूतीकोरिन के 11 सीमा शुल्क केंद्र शामिल हैं. 
• वर्ष 2013 के अंत तक इसका विस्तार ईडीआई के सभी सीमा शुल्क केंद्रों तक किया जाना है.

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