केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने भ्रष्टाचार पर मंत्रियों का समूह (Group of Ministers on corruption) से 6 अप्रैल 2011 को इस्तीफा दे दिया. इनके इस्तीफे का कारण जन लोकपाल विधेयक के संदर्भ में आमरण अनशन पर बैठे समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा शरद पवार की आलोचना करना था.
विदित हो कि केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए विधायी और प्रशासनिक उपायों सहित विभिन्न कार्रवाइयों के सुझाव देने के लिए जनवरी 2011 में केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय भ्रष्टाचार पर मंत्री समूह (GoM on corruption) का गठन किया था. इसमें शमिल अन्य मंत्री हैं- पी चिदम्बरम, शरद पवार, ए के एंटनी, एम वीरप्पा मोइली, कपिल सिब्बल, ममता बनर्जी और एम के अझागिरि.
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