केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र सीमा (ईएसए) संबंधी केरल सरकार की सिफारिशें 4 मार्च, 2014 को स्वीकार किया.
केरल सरकार ने अपनी सिफारिशों में पश्चिमी घाट के संरक्षण पर उच्च स्तरीय कार्य समूह द्वारा चिन्हित पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्रों के बाहर कृषि, वृक्षारोपण और बस्तियों को रखने का प्रस्ताव किया.
केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र सीमा (ईएसए) संबंधी केरल सरकार की सिफारिशों के आधार पर पश्चिमी घाट पर स्थित अन्य राज्यों के मामलों में भी विचार करने का निर्णय लिया.
विदित हो कि इसके पूर्व केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने 18 अक्टूबर 2013 को पश्चिमी घाट से संबंधित ‘कस्तूरीरंगन’ पैनल की रिपोर्ट को मंजूरी दी थी.
‘कस्तूरीरंगन’ पैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिमी घाट की सीमा के रूप में परिभाषित कुल क्षेत्र का लगभग 37 प्रतिशत क्षेत्र पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील है. ‘कस्तूरीरंगन’ पैनल ने छह राज्यों गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, केरल और तमिलनाडु में फैले 60,000 वर्ग किमी पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र में विकास की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation