प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21 अक्टूबर 2015 को औद्योगिक श्रमिकों के लिए बोनस भुगतान अधिनियम, 1965 में संशोधन को मंजूरी दी.
संशोधन से सम्बंधित मुख्य तथ्य
- इसके कानून के तहत बोनस की अधिकतम सीमा प्रति माह 3500 रुपये से बढ़ाकर 7000 रुपये कर दी गई.
- इस प्रस्ताव के तहत बोनस हासिल करने के लिए वेतन सीमा मौजूदा 10,000 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रति महीने किया गया, ताकि अधिक संख्या में कर्मचारी इसके पात्र बन सकें.
- इस संशोधन विधेयक को नवंबर 2015 में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा.
बोनस भुगतान अधिनियम, 1965
- बोनस भुगतान अधिनियम, 1965 उन निश्चित प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों को बोनस भुगतान मुहैया कराता है जहां 20 या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं, और यह बोनस लाभ के आधार पर अथवा उत्पादन या उत्पादकता तथा संबंधित मामलों के आधार पर होता है.
- इस अधिनियम की धारा 10 के अंतर्गत प्रत्येक उद्योग एवं संस्थानों द्वारा न्यूनतम 8.33% बोनस देय है. किसी वित्तीय वर्ष में भुगतान किया जाने वाला अधिकतम बोनस जिसमें उत्पादकता से जुडा बोनस भी शामिल होता है, वह इस अधिनियम की धारा 31ए के अंतर्गत किसी कर्मचारी के वेतन/पारिश्रमिक के 20% से अधिक नहीं होगा.
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