रेल मंत्रालय को रेलवे के किराए के संबंध में सलाह देने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेल प्रशुल्क प्राधिकरण (Rail Tariff Authority, आरटीए) की स्थापना को 20 जनवरी 2014 को मंजूरी प्रदान की.
रेल प्रशुल्क प्राधिकरण एक सलाहकार निकाय होगा. रेल प्रशुल्क प्राधिकरण (आरटीए) में एक अध्यक्ष और चार सदस्य होंगे.
रेल प्रशुल्क प्राधिकरण के पूर्व तक रेल किराया और माल भाड़ा की दरों का निर्धारण रेलवे बोर्ड द्वारा रेलवे अधिनियम, 1989 के तहत जाता था.
रेल प्रशुल्क प्राधिकरण के कार्य
• समय– समय पर लागत और बाजार की हालात को देखते हुए रेलवे के किराए में संशोधन की सिफारिश करना.
• भारतीय रेलवे व्यापार में यात्री किराए और माल भाड़े के लिए एकीकृत, पारदर्शी और गतिशील मूल्य निर्धारण तंत्र विकसित करना.
• सरकार को भविष्य में विकास के लिए अपेक्षित अधिशेष पैदा करने में मदद करना.
रेल प्रशुल्क प्राधिकरण (आरटीए) द्वारा की गई सिफारिशों को सामान्यतः रेल मंत्रालय को मानना होगा परन्तु किसी कारण से रेल मंत्रालय सिफारिशों को मानने से इंकार करता है तो वह उसे फिर से आरटीए को समीक्षा के लिए भेज देगा.
आरटीए देश के रेल क्षेत्र का पहला बाहरी मूल्य निर्धारण नियामक संस्था है. आरटीए को अनिवार्य शक्तियां संसद द्वारा रेलवे अधिनियम, 1989 में संशोधन करने के बाद ही दी जानी हैं.
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