केंद्रीय योजना आयोग ने हरियाणा को वर्ष 2012-13 हेतु 26,485 करोड़ रुपये मंजूर किए. वर्ष 2011-12 में हरियाणा की सालाना योजना 20,358 करोड़ रुपये की थी. यानी वार्षिक योजना में वर्ष 2012-13 में लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.
हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया की 30 अप्रैल 2012 को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. केंद्रीय योजना आयोग के अनुसार हरियाणा को अपनी योजना राशि का बड़ा हिस्सा सिंचाई परियोजनाओं, कृषि विकास, बिजली, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे सामाजिक विकास से जुड़ी योजनाओं पर खर्च करना है. राज्य को योजना राशि में से 14,500 करोड़ राज्य बजट के लिए, 9950 करोड़ राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों के लिए और 2035 करोड़ स्थानीय निकायों के लिए दिए गए हैं.
राज्य की योजना राशि में से राज्य बजट हेतु दी गई 14,500 करोड़ में सर्वोच्च प्राथमिकता सामाजिक सेवाओं में सुधार को दी गई. इस राशि में से 56.54 प्रतिशत यानी लगभग 8,199 करोड़ की राशि शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आपूर्ति और स्वच्छता, शहरी विकास, आवास और वृद्धों, विकलांगों, विधवाओं और निराश्रितों को पेंशन के जरिए सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने सहित सामाजिक सेवाओं में सुधार के लिए रखी गई. पेंशन के लिए 1,684 करोड़, तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा सहित शिक्षा क्षेत्र के लिए 2,965 करोड़ और स्वास्थ्य सेवाओं तथा चिकित्सा शिक्षा के लिए 566.55 करोड़ आवंटित किए गए. पेयजल आपूर्ति और सीवरेज योजनाओं के लिए 780 करोड़ रखे गए हैं, जबकि आवास और शहरी विकास के लिए लगभग 1,256 करोड़ की राशि आवंटित की गई.
ज्ञातव्य हो कि हरियाणा की विकास दर वर्ष 2010-11 में 9.59 प्रतिशत रही थी, जो देश के 8.39 प्रतिशत की औसत विकास दर से अधिक थी.
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