Ministry of Coal has decided to deallocate 14 Coal blocks and 01 lignite captive coal block for slow implementation/non-implementation of mining projects. कोयला मंत्रालय ने 14 कोल ब्लॉक और एक लिग्नाइट कोल ब्लॉक का आबंटन निरस्त करने का निर्णय लिया. यह निर्णय 5 मई 2011 को लिया गया. आबंटन निरस्त करने का कारण इन स्थानों पर खनन परियोजनाओं का कार्यान्वयन ना होना या धीमा होना है. विभिन्न खनन ब्लॉकों की प्रगति की समीक्षा करने के बाद कोयला मंत्रालय ने 84 कोल ब्लॉक और चार लिग्नाइट ब्लॉ्क आबंटनधारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया.
विशेष सचिव (कोयला) की अध्यक्षता में समीक्षा समिति ने निजी कंपनियों को आबंटित दो कोल ब्लॉकों और सरकारी कंपनियों को आबंटित 12 कोल ब्लॉकों का आबंटन निरस्त करने का अनुमोदन भी किया. आबंटन निरस्त करने हेतु अनुमोदित ब्लाक निम्नलिखित हैं.
इन सरकारी कंपनियों के ब्लॉक: तेनूघाट विद्युत निगम लिमिटेड/दामोदर वैली कार्पोरेशन का गोंडुलपारा; एनटीपीसी लिमिटेड के चट्टी बरियातू, केरंदारी, ब्राह्मनी, छिछिरो पस्तीशमल और चट्टी बरियातू (एस); बिहार राज्यब खनिज विकास निगम लिमिटेड का सरिया खोयातंड; झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड का बनहारीडीह; एपीजीईएनको के अनेसाता पल्ली, पुनुकुला चिलका व पेंगाडप्पा तथा दामोदर वैली कार्पोरेशन का सहारनपुर जमर पानी
निजी कंपनियों के ब्लॉक: श्री बैद्यनाथ आयुर्वेद लिमिटेड का भंडाक वेस्टा और भाटिया इंटरनेशनल लिमिटेड का वरोरा वेस्टा (एन)
लिग्नाइट ब्लॉक: वी.एस. लिग्नाइट को आबंटित लुनसारा ब्लॉक
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