क्रॉनिकल ऑफ ए कोप्स बियरर: साइरस मिस्त्री
क्रॉनिकल ऑफ ए कोप्स बियरर नामक पुस्तक साइरस मिस्त्री द्वारा लिखी गई है. क्रॉनिकल ऑफ ए कोप्स बियरर के लिए साइरस मिस्त्री को वर्ष 2014 का द डीएससी प्राइज फॉर साउथ एशियन लिटरेचर पुरस्कार प्रदान किया गया. उन्हें यह पुरस्कार जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल-2014 में 18 जनवरी 2014 को दिया गया.
“क्रॉनिकल ऑफ ए कोप्स बियरर” एक पारसी पादरी के लड़के की सच्ची कहानी है. यह लड़का एक लाश वाहक की पुत्री से प्रेम करता है. जिसके कारण समुदाय और समाज द्वारा उसे अलग कर दिया जाता है.
वर्ष 2014 के द डीएससी प्राइज फॉर साउथ एशियन लिटरेचर पुरस्कार के लिए सूचीबद्ध किए गए छह लेखकों में तीन भारतीय लेखक शामिल थे. पुरस्कार के लिए जिन कृतियों को सूचीबद्ध किया गया था उनमें आनंद की द बुक ऑफ डिस्ट्रक्शन और बेन्यामिन की गोट डेजम का मलयालम से अनुवाद है. यह अनुवाद क्रमश: चेतना सचिदानंदन और जोसेफ कोयिप्पल्ली ने किया है. तीसरी कृति साइरस मिस्त्री की क्रॉनिकल ऑफ ए कोप्स बियरर थी. इसके अलावा पाकिस्तानी लेखकों मोहसिन हामिद और नदीम असलम को क्रमश: हाउ टू गेट फिल्दी रिच इन राइजिंग एशिया व द ब्लाइंड मैन्स गार्डन के लिए सूचीबद्ध किया गया. नायोमी मुनावीरा को उनकी पहली पुस्तक आइलैंड ऑफ ए थाउजैंड मिर्स के लिए शामिल किया गया.
विदित हो कि वर्ष 2011 के लिए यह पुरस्कार पाकिस्तान के एचएम नकवी को उपन्यास “होमब्वॉय” के लिए, वर्ष 2012 के लिए श्रीलंका के शेहान करुणातिलाका को उपन्यास “चाइनामैन” के लिए और वर्ष 2013 के लिए भारत के जीत थायिल को उपन्यास “नार्कोपोलिस” के लिए दिया गया.
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