बुंदेलों हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी... सुभद्रा कुमारी चौहान की इस कालजयी कविता में से ग्वालियर के सिंधिया राजघराने से संबंधित पंक्ति मध्य प्रदेश की पाठ्य-पुस्तक से सम्पादित कर हटा दी गई थी. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों को राज्य शिक्षा केंद्र की इस चूक की जांच कराने और इन पंक्तियों को पाठ्य पुस्तक में फिर से शामिल करने के निर्देश 6 जुलाई 2011 को दिए.
ज्ञातव्य हो कि मध्यप्रदेश में कक्षा छह के पाठ्यक्रम में शामिल सुभद्रा कुमारी चौहान की इस कालजयी कविता में अंग्रेजों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी... पंक्ति हटा दी गई थी. जिन पंक्तियों को इस कविता में से हटा दिया गया था वे इस प्रकार हैं - यमुना तट पर अंग्रजों ने, फिर खाई रानी से हार. विजयी रानी आगे चल दी, किया ग्वालियर पर अधिकार. अंग्रेजों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी.
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