Punjab and Haryana High Court ruled that substantially aided clubs, aided schools and cooperative bodies, including sugar mills, house building societies and banks, are covered under the Right to Information Act. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) ने केंद्र और राज्य सरकार के अधीन आने वाले विभाग के साथ-साथ खेल संघ, सहकारी बैंक, चीनी मिलें तथा निजी स्कूलों को भी सूचना के अधिकार कानून (RTI: आरटीआइ: Right to Information Act) के दायरे में मई 2011 के दूसरे सप्ताह में बताया.
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) ने अपने आदेश में कहा कि जो संघ और संस्थाएं सरकार से वित्तीय सहायता लेती हैं वो जन अथॉरिटी हैं, और उन्हें जनता द्वारा मांगी जाने वाली सूचना (RTI: आरटीआइ: Right to Information Act) मुहैया करानी होगी. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) के न्यायाधीश एमएस सूलर ने अनिल कश्यप की याचिका समेत दर्जन भर मामलों का एक साथ निपटारा करते हुए निर्देश दिया कि सभी निजी स्कूल, पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन मोहाली, लॉन टेनिस एसोसिएशन जालंधर, सतलुज क्लब लुधियाना पर पब्लिक अथॉरिटी के नाते यह निर्णय लागू होगा.
ज्ञातव्य हो कि हरियाणा-पंजाब की सभी कोऑपरेटिव शुगर मिल, हाउसिंग सोसाइटी व बैंक प्रबंधन सोसाइटी रजिस्ट्रार के यहां पंजीकृत हैं. ऐसे में इन पर सरकार का नियंत्रण बनता है. ऐसी स्थिति में उन्हें भी जनता द्वारा मांगी जाने वाली सूचना (RTI: आरटीआइ: Right to Information Act) मुहैया करानी होगी. सिंतबर 2010 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश मुकुल और न्यायाधीश अजय तिवारी की खंडपीठ ने करनाल सहकारी चीनी मिल की याचिका को खारिज करते हुए आदेश दिया था कि चीनी मिल सार्वजनिक क्षेत्र से जुड़ी होती हैं और इस कारण वह सूचना के अधिकार के तहत सूचना देने के लिए बाध्य हैं.
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