The Bangladeshi government has concluded their probe on Muhammad Yunus and his Grammen Bank. The probe has cleared Yunus of any allegations of evading taxes. बांग्लादेश की सरकारी जांच समिति ने ग्रामीण बैंक (Grammen Bank) के संस्थापक और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) को विदेशी धन के लेन-देन में अनियमितता के आरोपों से 25 अप्रैल 2011 को बरी कर दिया.
बांग्लादेश के वित्त मंत्री एएमए मुहित के अनुसार वर्ष 1996 में ग्रामीण बैंक (Grammen Bank) और नार्वे की सरकार की आपसी सहमति के जरिए धन का लेन-देन हुआ था. इस लेन-देन से संबंधित नार्वे में वर्ष 2010 में निर्मित हुई कॉट इन माइक्रोडेब्ट (Caught in Micro debt) नामक डॉक्यूमेंट्री फिल्म में अनियिमितता के आरोप लगाए गए थे. कॉट इन माइक्रोडेब्ट (Caught in Micro debt) नामक डॉक्यूमेंट्री फिल्म के प्रसारण के उपरांत 12 जनवरी 2011 को बांग्लादेश सरकार द्वारा जांच समिति का गठन किया गया था.
ग्रामीण बैंक (Grammen Bank) के संस्थापक और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) जांच में निर्दोष पाए गए. हालांकि मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) को बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक ने ग्रामीण बैंक के प्रबंध निदेशक पद से हटा दिया था. बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक ने अपने निर्णय में बताया था कि यूनुस (71 वर्षीय) बैंकिंग नियमों के अनुसार पद पर लगातार नहीं रह सकते. बांग्लादेश में नियमानुसार मुख्य कार्यकारी 60 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाता है. मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) ने केंद्रीय बैंक के निर्णय के खिलाफ बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, लेकिन दोनों जगह से उन्हें निराशा हाथ लगी थी.
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