चीन की सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट) ने कंप्यूटर हैकिंग से संबंधित एक नया व कठोर कानून 29 अगस्त 2011 को बनाया. इसके अंतर्गत कोई भी चीनी हैकर किसी देश के कंप्यूटर से सूचना चुराता पाया गया, तो उसे सजा दी जानी है.
1 सितंबर 2011 से लागू होने वाले इस कानून के तहत जो हैकर 20 से 100 कंप्यूटरों में सेंध लगाएगा या 10 से 50 यूजर नेम और पासवर्ड चुराएगा उसे तीन साल जेल की हवा खानी पड़ेगी. जबकि संख्या इससे ऊपर जाने पर सजा बढ़कर सात साल तक हो जाएगी.
चीन में हैकिंग संबंधित कानून 2009 में ही बन गया था, जिसकी पुनर्समीक्षा करके इसे नए सिरे से लागू किया गया. चीन की सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट) और एक अन्य सरकारी संस्था ने मिलकर इस नए कानून को बनाया.
चीन की सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय के अनुसार चीन में पिछले पांच साल में इंटरनेट से जुड़े हर 10 में से 8 कंप्यूटर में हैकिंग हुई है. चीन में 48.5 करोड़ इंटरनेट यूजर हैं, जो विश्व में सर्वाधिक हैं.
ज्ञातव्य हो कि अगस्त 2011 के दूसरे सप्ताह में अमेरिकी एंटी वायरस सॉफ्टेयर कंपनी मैकेफी की रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछले पांच साल में मुख्यरूप से दुनिया भर की 72 संस्थाएं हैकिंग की शिकार हुई हैं. इनमें भारत सरकार की वेबसाइट भी शामिल थी. हैकिंग विशेषज्ञों ने इसके लिए चीनी हैकरों पर अंगुली उठाई थी.
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