खगोल विज्ञानियों ने जे1823-3021ए (J1823-3021A) नामक तारे को खोजा है, जिसे अंतरिक्ष का सबसे युवा, चमकदार और सबसे तेज गति वाला तारा बताया गया. यह तारा पृथ्वी से 27 हजार प्रकाशवर्ष दूर है.
मैक्स प्लांक इंस्टिट्यूट ऑफ रेडियो एस्ट्रोनोमी के प्रमुख शोधकर्ता व खगोल विद पॉलो फ्रेरी के अनुसार जे1823-3021ए (J1823-3021A) नामक तारा धनु तारामंडल में मौजूद तारों के एक घने समूह में सबसे युवा तारा है. इस तारे का घनत्व भी अब तक ज्ञात तारों से कहीं अधिक है.
प्रमुख शोधकर्ता व खगोल विद पॉलो फ्रेरी के अनुसार 1823-3021ए (J1823-3021A) नामक तारे की उम्र लगभग 2.5 करोड़ वर्ष है. यानी यह तारा अंतरिक्ष में एक शिशु के समान है. साथ ही इस तारे से अत्यधिक तीव्र ऊर्जा वाली गामा किरणें निकल रही हैं.
1823-3021ए (J1823-3021A) नामक यह तारा अपनी धुरी पर कल्पनातीत तेजी से घूम रहा है. इतनी तेजी से अपनी धुरी पर घूमने वाले तारों को मिलीसेकेंड पल्सर्स श्रेणी में रखा जाता है. इनकी उम्र करीब एक अरब वर्ष होती है.
मैक्स प्लांक इंस्टिट्यूट ऑफ रेडियो एस्ट्रोनोमी के शोधकर्ताओं के अनुसार नए तारे की खोज से यह जानने में मदद मिल सकती है कि मिलीसेकेंड पल्सर्स का जन्म और विस्तार कैसे होता है. अभी तक की ज्ञात जानकारी के अनुसार मिलीसेकेंड पल्सर्स तारों का जन्म तब होता है, जब कोई विशाल तारा सुपरनोवा बन कर नष्ट होता है. सामान्य पल्सर्स प्रति मिनट अपनी धुरी पर सात से 3750 बार घूमते हैं, लेकिन मिलीसेकेंड पल्सर्स एक मिनट में 43 हजार से अधिक बार धुरी पर घूम जाते हैं.
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के फर्मी गामा-रे स्पेस टेलीस्कोप की मदद से खगोल विद पॉलो फ्रेरी और जर्मनी स्थित मैक्स प्लांक इंस्टिट्यूट ऑफ रेडियो एस्ट्रोनोमी के शोधकर्ताओं ने जे1823-3021ए (J1823-3021A) नामक तारे को खोजा. लाइवसाइंस नामक पत्रिका में इस खोज से संबंधित रिपोर्ट नवंबर 2011 के प्रथम सप्ताह में प्रकाशित की गई.
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