सतत गतिशीलता पर रेलवे चेयर की स्थापना के लिए 23 नवम्बर 2015 को दिल्ली के टेरी विश्वयविद्यालय में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.
रेल मंत्रालय के अनुसार टेरी में स्थापित होने वाली चेयर रेलवे द्वारा सतत गतिशीलता, ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकी और हरे रंग की ऊर्जा पहल के उपयोग के मुद्दों पर अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए की जा रही हैं. इन मसलों पर चेयर के माध्यम से अनुसंधान की सुविधा होगी. इस सबंध में हुए समझौते पर टेरी विश्वविद्यालय के कुलपति राजीव सेठ और रेल मंत्रालय में योजना, प्रवर्तन निदेशालय, प्रशिक्षण और मैन पावर के कार्यकारी निदेशक मनोज पांडे ने हस्ताक्षर किये हैं.
सहमति ज्ञापन की मुख्यह विशेषताएं
• चेयर 'सतत गतिशीलता के लिए भारतीय रेलवे चेयर' कहलाएगी.
• देश में सतत विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए परिवहन की एक महत्वपूर्ण विधा के रूप में उभरे रेलवे के विभिन्न पहलुओं से संबंधित अनुसंधान पर चेयर का ध्यान केंद्रित होगा.
• इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य भारतीय रेलवे के लिए प्रासंगिक एक बहु-आयामी दृष्टिकोण के साथ स्थिरता के सभी पहलुओं में पेशेवरों को समृद्ध करना होगा.
• इसे रेल परिवहन की दिशा में चल रहे शोधों और शिक्षा को मजबूत करने पर बल देना चाहिए और शोध के नए रास्ते खोलने चाहिए.
• शुरू-शुरू में इस चेयर का कार्यकाल एक साल का होगा जिसकी अवधि समीक्षा के बाद बढ़ाई जा सती है.
• इसके पोषण के लिए वार्षिक 20 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है.
• टेरी विश्वविद्यालय के बोर्ड के अध्यपक्ष द्वारा ख्याति प्राप्त शिक्षाविद एक चेयर प्रोफेसर तथा रेलवे के एक उम्मीदवार की नियुक्ति की जाएगी.
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