जनजातीय मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में संचालित भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ मर्यादित (ट्राईफेड) को 27 अप्रैल 2015 को प्रशिक्षण में विशिष्ठता के लिए वर्ष 2014-15 का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया.
ट्राईफेड को यह पुरस्कार भारत सरकार के कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में प्रदान किया गया.
“दक्षता उन्नति और कौशल विकास की प्रभावशीलता तथा लघु वन उपज संग्रहकर्ता की क्षमता संवृद्धि प्रशिक्षण कार्यक्रम” वर्ग में ट्राईफेड ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के बाद दूसरा स्थान प्राप्त किया. इस वर्ग में 50 प्रतिभागी थे.
भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ मर्यादित (ट्राईफेड) के बारे में
ट्राईफेड, बहु-राज्यीय सहकारिता संस्थान है जो देश में आदिवासी लोगों लिए जनजातीय उत्पादों जिसमें की लघु वनउपज, आदिवासी दस्तकारी, जैविक व प्राकृतिक उत्पाद आदि शामिल हैं, कि सरकारी खरीद व विपणन के जरिये उनके सामाजिक-आर्थिक विकास का काम करती है.
इसका उद्देश्य जनजातीय उत्पादों की अच्छी कीमत दिलानी है ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो और वह बिचौलियों और अनैतिक व्यापारियों के शोषण से बच सकें.
भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ मर्यादित (ट्राईफेड) की 6 अगस्त 1987 को स्थापना की गई और इसका बहुराज्यीय सहकारी समितियाँ अधिनियम 1984 के अंर्तगत पंजीकरण किया गया (जो अब बहुराज्यीय सहकारी समितियाँ अधिनियम, 2002 है), ट्राईफेड ने भारत सरकार के कल्याण मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में वर्ष 1988 से कार्य करना प्रारंभ किया (जो अब भारत सरकार का जनजातीय कार्य मंत्रालय है).
ट्राईफेड का पंजीकृत मुख्य कार्यालय नई दिल्ली में स्थित है और देश के विभिन्न स्थानों पर 13 क्षेत्रीय कार्यालय हैं और एक केन्द्रीय गोदाम दिल्ली में है. ट्राईफेड "ट्राइब्स इंण्डिया "नाम के ब्रांण्ड के अंर्तगत स्वयं के 37 शोरुम है एवं कन्साइनमेंट के आधार पर 6 राज्यों के एम्पोरियमों के माध्यम से आदिवासी उत्पादों का भी खुदरा विपणन कर रहा है.
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