ऑनलाइन सर्ज दिग्गज गूगल ने 5 अप्रैल 2015 को डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट और बड़े उद्यम सौदों को लक्षित कर परामर्श कंपनी प्राइसवाटर हाउसकूपर्स के साथ रणनीतिक भागीदारी में प्रवेश किया.
भारतीय भागीदारी के साथ गूगल खुद को ई-गवर्नेंस परियोजनाओं में शामिल करना चाहता है और भारत में अपने क्लाउड सेवाओं की बिक्री में सुधार लाना चाहता है.
ऐसी परियोजनाओं पर गौर करने के लिए PwC ने पहले से ही 30 सदस्यों की एक टीम बना ली है और भारत में अपने 1800 लोगों वाले प्रौद्योगिकी टीम का उपयोग गूगल प्लेटफॉर्म्स पर उद्योग -विशिष्ट समाधानों को विकसित करने के लिए कर रहा है.
गूगल सरकार के साथ मिलकर कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है, इसमें माईगव ( MyGov), भारत सरकार के लिए नागरिक भागीदारी प्लेटफॉर्म, मोबाइल एप्प के निर्माण के लिए राष्ट्रव्यापी प्रतियोगिता का शुभारंभ करना शामिल है.
गूगल भारत में छोटे और मध्यम व्यापार तक पहुंचने में काफी हद तक सफल रहा है, फिर भी बड़े निगमों में परियोजनाओँ को हासिल करना उसके लिए मुश्किल है क्योंकि उसके प्रतिद्वंद्वी माइक्रोस्फॉट की इस क्षेत्र में पकड़ काफी मजबूत है.
मार्च 2015 के अंत में माइक्रोस्फॉट ने नए समाधानों और डाटा एवं एनालिटिक्स में सेवाएं, क्लाउड अनुपालन और परिवर्तन एवं व्यापार समाधानों के नए विकल्प देने तथा वैश्विक सहयोग को शामिल करने के लिए केपीएमजी (KPMG) के साथ ऐसी ही भागीदारी की घोषणा की थी.
गूगल और माइक्रोस्फॉट दोनों ही 1.13 लाख करोड़ रुपये के डिजिटल इंडिया पहल का हिस्सा बनने की कोशिश कर रहे हैं जो देश को संबद्ध अर्थव्यवस्था, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में निवेश को आकर्षित करने और लाखों नौकरियों का सृजन एवं समर्थित व्यापार की सुविधा प्रदान करना चाहता है.
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