केन्द्रीय उत्पाद शुल्क महानिदेशालय (डीजीसीई) ने देश के बड़े चॉकलेट निर्माता कैडबरी इंडिया लिमिटेड पर 5 अप्रैल 2015 को 570 करोड़ रुपये का उत्पाद शुल्क जुर्माना लगाया है.
यह जुर्माना कंपनी पर कथित तौर से हिमाचल प्रदेश में अपनी उत्पादन इकाइयों में टैक्स चोरी की वजह से लगाया गया.
डीजीसीई ने 2011 में कंपनी के खिलाफ कथित तौर पर बद्दी, हिमाचल प्रदेश में नई इकाई के अस्तित्व में आने से पहले ही क्षेत्र आधारित छूट का दुरूपयोग करने के कारण जांच शुरू की.
डीजीसीई ने जांच के बाद कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी कर 250 करोड़ रुपये के उत्पाद शुल्क चोरी पर स्पष्टीकरण मांगा है.
चंडीगढ़ स्थित केन्द्रीय उत्पाद शुल्क ऑफिस के अनुसार यह एक विवादास्पद मुद्दा था जिसके लिए कैडबरी इंडिया लिमिटेड (अब मोंडेलेज़ इंडिया फूड्स प्राइवेट लिमिटेड) को आकलन-सह-मांग (असेसमेंट कम डिमांड) नोटिस जारी किया गया.
फर्म से उत्पाद शुल्क चोरी के एवज में 574 करोड़ रुपए की मांग की गयी है इसमें 231.47 करोड़ रुपए जुलाई 2010 से जनवरी 2013 तक की अवधि के लिए 111.36 करोड़ रुपए फ़रवरी 2013 से दिसंबर 2013 तक की अवधि के लिए और 231.47 करोड़ रुपए का जुर्माना शामिल हैं.
इसके अलावा आनंद कृपालू, कैडबरी इंडिया लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक के खिलाफ कथित तौर पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क नियमों का उल्लंघन करने के कारण एक करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. साथ ही, कंपनी के कुछ वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों पर कई लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
इस आदेश पर कंपनी का कहना है कि वे आयुक्त के आदेश की जांच कर रहे हैं और इसे अपील द्वारा चुनौती देंगे.
केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में कंपनियों की नई औद्योगिक इकाइयों के लिए 10 साल की अवधि तक निर्दिष्ट वस्तुओं के उत्पादन पर उत्पाद शुल्क से पूरी छूट दी जाती है. इस तरह की छूट का लाभ उठाने के लिए यूनिट की स्थाप्ना मार्च 2010 से पहले होनी चाहिए.
जांच के दौरान डीजीसीई के अधिकारियों ने पाया कि कैडबरी इंडिया लिमिटेड ने बद्दी स्थित संडोली गाँव में अपनी नई इकाई के लिए उसके अस्तित्व में आने से पहले ही उत्पाद शुल्क में छूट के लिए दावा कर दिया था.
हिमाचल प्रदेश उद्योग विभाग द्वारा जारी प्रमाण पत्र के अनुसार कंपनी की इकाई 31 मार्च 2010 के बाद स्थापित की गयी.
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