केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तंबाकू उत्पाद के पैकेट के दोनों तरफ 85 प्रतिशत हिस्से में चेतावनी जारी करने को अनिवार्य घोषित किया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस सम्बन्ध में 15 अक्टूबर 2014 को एक अधिसूचना जारी की गई. इस अधिसूचना के अनुसार, 1 अप्रैल 2015 से यह नियम पूरे देश में एक साथ लागू होगा. तंबाकू उत्पाद कंपनियों को नई चेतावनी लागू करने के लिए इतना समय दिया गया. इस नए नियम का मुख्य उद्देश्य तंबाकू उत्पादों से मानव स्वास्थ्य को पहुँचने वाले नुकसान के प्रति लोगों को आगाह करना हैं.
इस नियम के अनुसार, तंबाकू उत्पाद के पैकेट के दोनों तरफ के 85 प्रतिशत हिस्से में से 60 प्रतिशत हिस्से में वे तस्वीरें होंगी, जिनमें कैंसर का रौद्र रूप दिखाया जायेगा, जबकि बाकी के 25 प्रतिशत हिस्से में चेतावनी शब्दों में लिखी होगी. बीड़ी और सिगरेट जैसे धुम्रपान वाले उत्पादों पर लिखा होगा कि ‘धुम्रपान से गले का कैंसर होता है’. इसी तरह गुटखा और सुगंधित तंबाकू जैसे उत्पादों की पैकिंग पर लिखा होगा कि ‘तंबाकू से मुंह का कैंसर होता है’.
विदित हो कि सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) 2003 के अनुसार, अभी तंबाकू उत्पादों के पैकेट के सिर्फ एक तरफ 40 प्रतिशत हिस्से में चेतावनी होती है, जबकि नए नियमों के मुताबिक पैकेट के दोनों तरफ 85 प्रतिशत हिस्से में इन्हें छापना जरूरी होगा. अभी थाइलैंड अकेला ऐसा देश है, जहां तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर 85 प्रतिशत हिस्से में ऐसी चेतावनी छापी जाती है.
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