तमिलनाडु विधानसभा ने 12 अगस्त 2014 को सर्वसम्मति से तमिलनाडु सार्वजनिक स्थलों (पोशाक पर प्रतिबंध हटाने के लिए) पर प्रवेश विधेयक, 2014 पारित कर दिया. इसके बाद धोती पहने पुरुषों को सार्वजनिक स्थलों पर जाने से रोकना दंडनीय अपराध होगा और ऐसा करने वालों को जेल जाना पड़ेगा.
अगर क्लब, मॉल, कंपनियां या सिनेमाघर धोती पहने पुरुषों को प्रवेश देने से मना कर इस कानून का उल्लंघन करते हैं तो या तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा या उन्हें एक वर्ष की जेल के साथ 25000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा.
इस विधेयक के एक प्रावधान में यह कहा गया है कि सार्वजनिक स्थलों पर पाश्चात्य संस्कृति के मुताबिक कपड़े नहीं पहनने के आधार पर अगर प्रवेश नहीं दिया जा रहा तो यह औपनिवेशिक साम्राज्यवादी रवैया का प्रतीक होगा.
पृष्ठभूमि
इस कानून को चेन्नई के एक प्रख्यात क्रिकेट क्लब में तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा मद्रास उच्च न्यायलय के जज को प्रवेश देने से इनकार करने के बाद अधिनियमित किया गया था. इस घटना के बाद, जयललिता ने राज्य बजट में इस तानाशाही के खिलाफ कानून लाने का वादा किया था. 6 अगस्त 2024 को तमिलनाडु सार्वजनिक स्थलों (पोशाक पर प्रतिबंध हटाने के लिए) पर प्रवेश विधेयक, 2014 राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री जयललिता ने पेश किया था.
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