तुर्की की सत्ताधारी जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी(एकेपी) ने 1 नवम्बर 2015 को संसदीय चुनावों में जीत हासिल की है. एकेपी ने 49.4 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं. मुख्य विपक्षी दल सीएचपी को 25.4 प्रतिशत वोट मिले हैं.
कुर्दों का समर्थन करने वाली पार्टी एचडीपी ने सीटों पर दावा करने के लिए जरूरी 10 फीसदी वोट की सीमा हासिल कर ली है. राष्ट्रवादियों के दल एमएचपी को भी अंकारा में सीटें हासिल हुई हैं.
वदित हो यह तुर्की में पांच महीनों में दूसरी बार चुनाव हुए हैं. जून में हुए चुनाव के बाद गठबंधन सरकार बनने में नाकाम रही.
पिछले चुनाव में गठबंधन को नकारने वाली धुर दक्षिणपंथी पार्टी एमएचपी को लोगों ने पूरी तरह नकार दिया है. पांच महीने में ही दूसरी बार चुनाव करा कर एकेपी ने बड़ा दांव खेला था लेकिन फैसला उसके हक़ में रहा.
पार्टी ने चुनाव के दौरान लोगों को यकीन दिलाया था कि स्थिर सरकार और हिंसा का खात्मा सिर्फ वही दे सकती है. कुर्द चरमपंथियों के हमले और इस्लामिक इस्टेट के बढ़ते खतरे को ध्यान में रख कर लोगों ने उन्हें वोट दिया ताकि वो शांति बहाल कर सकें. तुर्की में कुर्द और इस्लामी लड़ाकों के हमलों के बीच सुरक्षा का मुद्दा भी चुनाव में छाया रहा है.
Now get latest Current Affairs on mobile, Download # 1 Current Affairs App
Comments
All Comments (0)
Join the conversation