दाऊदी बोहरा समुदाय के 52वें आध्यात्मिक गुरू डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन का हृदयाघात से मुंबई में 17 जनवरी 2014 को निधन हो गया. वह 102 वर्ष के थे. वह इस पद पर 50 वर्ष से भी अधिक समय तक रहे.
डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन से सम्बंधित मुख्य तथ्य
• डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन ने कई संस्थाओं का निर्माण किया.
• डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन ने सैफी मस्जिद के पास राउदत ताहेरा की स्थापना की. सैफी मस्जिद के पास उनके पिता सैयदना ताहेर सैफुद्दीन की समाधि है. सैयदना ताहेर सैफुद्दीन की समाधि के दीवारों पर सोने के अक्षरों से पूरी कुरान उल्लिखित है.
• डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन ने दुनिया भर में फैले अपने समुदाय के लोगों को स्वच्छ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए सामुदायिक रसोई की शुरूआत की थी.
• डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन को जॉर्डन सरकार द्वारा स्टार ऑफ जॉर्डन सम्मान दिया गया.
• डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन को मिस्र सरकार द्वारा ऑर्डर ऑफ द नील सम्मान से सम्मानित किया गया.
• डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन को काहिरा के अल अजहर विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और कराची विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया था.
डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन अक्टूबर 1999 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति चुने गए थे.
दाऊदी बोहरा समुदाय
दाऊदी बोहरा समुदाय एक व्यापारी समुदाय है जिसमें यमन, मिस्र, अफ्रीका और भारतीय संस्कृतियों का संगम है. दाऊदी बोहराओं की खुद की भाषा होती है जिसे लीसानू द– दवात कहते हैं. इसे फारसी– अरबी लिपि में लिखा जाता है और यह उर्दू, गुजराती और फारसी से बना है.
यह बहुत छोटे, और दुनिया भर में करीब दस लाख लोगों वाला समुदाय है जिसमें से अधिकांश लोग भारत में रहते हैं. इसके अलावा करांची, यूरोप, उत्तरी अमेरिकी, सुदूर पूर्व और पूर्वी अफ्रीका में इस समुदाय के लोग बसे हैं.
विदित हो कि सैयादीन मुफद्दल सैफुद्दीन, डॉ सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन के दूसरे पुत्र और दाऊदी बोहरा समुदाय के आध्यात्मिक गुरु हैं. सैयादीन मुफद्दल सैफुद्दीन इस समुदाय के 53वें आध्यात्मिक गुरू बने.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation