अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने राज्य में बहुब्रांड खुदरा कारोबार में विदेशी घरेलू निवेश (एफडीआई ) को दी गई मंजूरी को 13 जनवरी 2014 को वापस ले लिया. इसके साथ ही दिल्ली बहुब्रांड खुदरा कारोबार में विदेशी घरेलू निवेश को दी गई मंजूरी को वापस लेने वाला देश का पहला राज्य बना गया.
शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार ने जुलाई 2012 में मल्टी ब्रांड खुदरा व्यापार में एफडीआई की अनुमति दी थी.
दिल्ली प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रमुख प्राप्तकर्ताओं में से एक है. इस कार्रवाई से राजधानी में निवेश प्रतिकूल प्रभावित हो सकता है और इसके प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अनुकूल की छवि धूमिल हो सकती हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री , अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह एफडीआई का विरोध नहीं कर रहें हैं. उन्होंने इस बात पर सहमति जताई की मल्टीब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई उपभोक्ताओं को और अधिक विकल्प देता है.
लेकिन, यह मल्टीब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई वैश्विक स्तर पर कई स्थानों पर बड़े पैमाने में नौकरी के नुकसान का कारण बना था. इस प्रकार, राजधानी में बेरोजगारी को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया था.
विदित हो कि खुदरा कारोबार में एफडीआई के केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन करने वाले राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, आंध्रप्रदेश तथा असम शामिल हैं जहां संप्रग का शासन था.
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