भारत में नए निजी बैंक की स्थापना हेतु भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिशानिर्देशों का प्रारूप 29 जुलाई 2011 को जारी किया गया. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार नए निजी बैंक की स्थापना हेतु कंपनियों को कम से कम 500 करोड़ रुपये का निवेश अनिवार्य किया गया. साथ ही इन बैंकों में पहले पांच वर्ष तक विदेशी हिस्सेदारी की अधिकतम सीमा 49 प्रतिशत तय की गई.
नए निजी बैंक की स्थापना हेतु भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी दिशानिर्देशों में केवल पूर्ण स्वामित्व वाली गैर संचालित होल्डिंग कंपनी के जरिये ही नए बैंक स्थापित किए जा सकते हैं. साथ ही इन होल्डिंग कंपनियों को बैंक में न्यूनतम 40 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी रखना अनिवार्य है, और इसे बैंक स्थापना से अगले पांच वर्ष तक बेचा नहीं जा सकता है.
40 प्रतिशत से अधिक इक्विटी हिस्सेदारी होने पर नए बैंक की होल्डिंग कंपनी को बैंक लाइसेंस मिलने की तारीख से दो वर्ष के भीतर उसे घटाकर न्यूनतम सीमा तक लाना भी अनिवार्य कर दिया गया. भारतीय रिजर्व बैंक ने पारदर्शिता बढ़ाने हेतु होल्डिंग कंपनियों द्वारा नए बैंकों को दो वर्ष के भीतर शेयर बाजार में सूचीबद्ध करवाना भी अनिवार्य कर दिया.
भारतीय अर्थव्यवस्था के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने नए निजी बैंक की स्थापना हेतु जारी दिशानिर्देशों में स्पष्ट किया कि नए बैंकों पर कम से कम 25 प्रतिशत शाखाएं बैंकिंग सुविधाओं की दृष्टि से पिछड़े क्षेत्रों में खोलने की जिम्मेदारी है.
निजी बैंक की स्थापना हेतु नए दिशानिर्देशों के अनुसार यदि कंपनी लाइसेंस मिलने के पहले पांच वर्ष में अतिरिक्त इक्विटी जुटाती है तो वह अगले पांच वर्ष तक बढ़ी हुई अतिरिक्त इक्विटी पूंजी का 40 प्रतिशत अपने पास रख सकती है. उसके बाद नए बैंक की होल्डिंग कंपनी को इक्विटी पूंजी को दस वर्ष में 20 प्रतिशत तक और 12 वर्ष में 15 प्रतिशत तक सीमित करना अनिवार्य है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने नए दिशानिर्देशों में स्पष्ट किया कि निवासी भारतीयों द्वारा नियंत्रित अथवा प्रवर्तित निजी क्षेत्र में कार्यरत कंपनियों और कंपनी समूह को भी नए बैंक स्थापित करने की अनुमति देने पर विचार किया जाएगा. हालांकि इसके लिए अच्छी साख और ईमानदारी से काम करने का कम से कम 10 वर्ष का रिकॉर्ड अनिवार्य है. नए दिशानिर्देशों के प्रारूप में रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन और ब्रोकिंग कंपनियों को नए बैंकिंग लाइसेंस के लिए उचित पात्र नहीं माना गया है.
ज्ञातव्य हो कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने केंद्रीय बजट 2011 में नए निजी बैंक लाइसेंस बनाने की घोषणा की थी और भारतीय रिजर्व बैंक को इस संबंध में निर्देश दिया था. भारतीय रिजर्व बैंक ने नए निजी बैंक की स्थापना हेतु दिशानिर्देशों का प्रारूप 29 जुलाई 2011 को जारी किया. चूंकि यह सिर्फ प्रारूप है, इस कारण रिजर्व बैंक ने बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों, उद्योग समूहों, अन्य संस्थानों और आम जनता से 31 अक्टूबर 2011 तक प्रतिक्रिया मांगी है. अंतिम दिशानिर्देश प्रतिक्रिया, टिप्पणियां और सुझाव मिलने के बाद जारी किए जाने हैं.
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