अमेरिका की अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था नासा (NASA: National Aeronautics and Space Administration) ने 20 जनवरी 2011 को जलवायु परिवर्तन से संबंधित आंकड़े जुटाने के लिए ग्लोरी मिशन नामक उपग्रह छोड़ेने का निर्णय लिया. कैलिफोर्निया के वेंडरवर्ग वायु सेना क्षेत्र से ग्लोरी मिशन उपग्रह को 23 फरवरी 2011 को छोड़ा जाना है.
ग्लोरी मिशन नामक यह उपग्रह अंतरिक्ष में जाकर आफ्टरनून कौन्स्टेलेशन (कृत्रिम उपग्रहों की श्रृंखला, जिसमें एक्वा और औरा उपग्रह भी हैं) से जुड़ेगी. ग्लोरी मिशन पृथ्वी की कक्षा से 704.9 किलोमीटर की ऊंचाई पर चक्कर लगाएगी.
ग्लोरी मिशन का लक्ष्य
• प्राकृतिक और मानवीय एयरोसोल्स और बादलों का वैश्विक वितरण, मायक्रोफिजिकल गुण और उनकी रासायनिक संरचना का डाटा एकत्रित करना, ताकि एयरोसोल्स का जलवायु पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव को मापा जा सके.
• कुल सौर विकिरण का माप ताकि सूर्य से पड़ने वाले प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव को आंका जाए.
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