नासा ने 31 जुलाई 2014 को अमेरिका के वाशिंगटन स्थित मुख्यालय में घोषणा की कि वह 2020 में मार्स 2020 रोवर मिशन के तहत नया रोवर मंगल ग्रह पर भेजेगा. मार्स 2020 मिशन मंगल ग्रह के वातावरण में संभावित आवास निर्धारित करने का प्रयास करेगा और इस ग्रह पर जीवन के प्राचीन संकेत खोजने की कोशिश करेगा. अगर यह प्रयास सफल रहा तो इससे भविष्य मे मानवयुक्त मिशन के लिए मार्ग प्रशस्त हो सकेगा.
मार्स 2020 रोवर मिशन जुलाई या अगस्त 2020 में लांच किया जाएगा और यह आठ से नौ महीनों में मंगल ग्रह की जमीन पर साल 2021 में उतरेगा. नासा का जेट प्रोपल्सन लेबोरेट्री मार्स 2020 रोवर मिशन को तैयार और इसके परिचालन का प्रबंध करेगा.
मार्स 2020 रोवर मिशन को विकसित करने के लिए नासा की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कार्यक्रम ने मानव अन्वेषण और मार्स 2020 रोवर मिशन की टीम के साथ भागीदारी की है. इसे राष्ट्रीय अनुसंधान परिषद के वर्ष 2011 के ग्रह विज्ञान दशक सर्वेक्षण की विज्ञान के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए दी गई सिफारिशों के लिए विकसित किया जा रहा है.
मार्स 2020 रोवर मिशन सफल रोवर क्युरोसिटी के डिजाइन पर आधारित है जो अगस्त 2012 से लाल ग्रह पर उतरने के बाद से काम कर रहा है और यह नासा के मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम का एक हिस्सा है.
मार्स 2020 रोवर मिशन का महत्व
- इसका इस्तेमाल वैज्ञानिक चट्टानों और मिट्टी के नमूनो की पहचान और संग्रह करने के लिए करेंगे जिसे भविष्य के मिशन के लिए पृथ्वी पर संभावित वापसी के लिए जमा कर रखा जाएगा.
- भविष्य के मानव खोजकर्ता कैसे लाल ग्रह की सतह पर मौजूद प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं, इस बारे में हमारे ज्ञान को बढ़ाने में भी मदद करेगा.
- भविष्य के मानव अभियान के डिजाइनर इस मिशन का उपयोग मंगल ग्रह के धूल से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को समझने और वहां के वातावरण में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने की प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन के लिए भी कर सकते हैं. इन प्रयोगों से इंजीनियरों को मंगल ग्रह के संसाधनों का मानव श्वसन के लिए ऑक्सीजन बनाने में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है और रॉकेट इंधन के लिए संभावित ऑक्सीकारक के रूप में इस्तेमाल करने के बारे में सीखने में मदद मिल सकती है.
मार्स 2020 रोवर मिशन में जाने वाले सात अंतरिक्ष उपकरण
ये सात अंतरिक्ष उपकरणों का चयन जनवरी 2014 में दुनिया भर के शोधकर्ताओं और इंजीनियरों से प्राप्त 58 प्रस्तावों में से चुने गए हैं. ये सात चुने गए प्रस्तावों को उपकरण का रूप देने के लिए नासा को करीब 130 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करने होंगे.
• मार्स ऑक्सीजन आईएसआरयू एक्सपेरीमेंट (MOXIE)– यह एक अन्वेषण प्रौद्योगिकी जांच है और यह मंगल ग्रह पर मौजूद वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड से ऑक्सीजन पैदा कर सकता है. इसके द्वारा उत्पादित ऑक्सीजन मानव श्वसन के लिए लाभकारी होगा और संभवतः इसका इस्तेमाल वापसी मिशनों में रॉकेट इंधन के तौर पर किया जा सकेगा.
• MastcamZ– यह पैनारोमिक और स्टीरीयोस्कोपिक इमेजिंग क्षमता और जूम करने की क्षमता वाला एक उन्नत कैमरा है. यह मंगल ग्रह के सतह के खनिज को पहचानने में भी सक्षम है.
• SuperCam– यह एक उपकरण है जो छवि लेने, रासायनिक संरचना विश्लेषण और खनिज के काम आएगा. इसके अलावा यह दूर से ही चट्टानों और रिगोलिथ में मौजूद कार्बनिक यौगिकों की उपस्थिति की पहचान कर लेगा.
• एक्स–रे लिथोकेमेस्ट्री के लिए ग्रह उपकरण (PIXL)– यह एक एक्स– रे प्रतिदीप्त स्पेक्ट्रोमीटर है और इसमें एक उच्च रिजोल्यूशन वाला इमेजर भी है जो मंगल ग्रह के सतह में मौजूद सामग्री की मौलिक संरचना का निर्धारण कर सकता है. यह उपकरण रासायनिक तत्वों के अधिक विस्तृत पहचान और विश्लेषण की क्षमता प्रदान करता है.
• स्कैनिंग हैबिटेबल इंवायरमेंट्स विद रमन एंड ल्यूमिनसाइंस फॉर ऑर्गेनिक्स एंड केमिकल्स (SHERLOC)– यह एक स्पेक्ट्रोमीटर है जो सटीक छवि प्रदान करेगा और खनिजों के निर्धारण एवं कार्बनिक यौगिकों का पता लगाने के लिए पराबैंगनी (यूवी) लेजर का उपयोग करेगा. SHERLOC पहला यूवी रमण स्पेक्ट्रोमीटर होगा जो मंगल ग्रह के लिए उड़ान भरेगा और अन्य अंतरिक्ष उपकरणों के साथ पूरक माप प्रदान करेगा.
• मंगल ग्रह पर्यावरण गतिशीलता विश्लेषक (MEDA): यह सेंसरों का एक सेट है और यह तापमान, हवा की गति और दिशा, दवाब, सापेक्ष आर्द्रता और धूल का आकार एवं आकार का माप उपलब्ध कराने में सक्षम है.
• मंगल ग्रह के उपसतह के एक्सप्लोरेशन के लिए रडार इमेजर (RIMFAX)– यह जमीन के भीतर जाने वाला रडार है और यह सतह के भूगर्भिक संरचना की सेंटीमीटर–पैमाने का रेजोल्यूशन मुहैया कराएगा.
मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम के बारे में
मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम मंगल ग्रह को एक गतिशील प्रणाली के तौर पर चित्रित और समझना चाहता है. इसमें वर्तमान और अतीत का वायुमंडल, जलवायु चक्र, भूविज्ञान और जैविक क्षमता भी शामिल है. इसमें ऑपर्चुनिटी एवं क्युरोसिटी रोवर्स शामिल है, ओडिसी और मार्स रीकानिसन्स ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान फिलहाल इस ग्रह की परिक्रमा कर रहे हैं और MAVEN ऑर्बिटर जिसके सितंबर 2014 में लाल ग्रह पर पहुंच जाना निर्धारित है, यह वायुमंडल के उपरी परत का अध्यय करेगा.
वर्ष 2016 में, मार्स लैंडर मिशन जिसे इनसाइट कहा जा रहा है, को मंगल ग्रह के गहराई से जांच को पहली बार देखने के लिए लांच किया जाएगा.
इसके अलावा, नासा यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) के 2016 और 2018 एक्सोमार्स मिशनों के लिए भी सहयोग कर रहा है. इसमें ईएसए के 2016 ऑर्बिटर के लिए इलेक्ट्राटेलिकम्युनिकेशन रेडियो और 2018 एक्सोमार्स रोवर के लिए महत्वपूर्ण एस्ट्रोबायोलॉजी साधन शामिल है.
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