मेघालय के शिलांग में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 01 मई 2015 को शिलांग बायपास राजमार्ग परियोजना और एनएच-40 के सेक्शन फोरलेन जोराबट-बारापानी को राष्ट्र को समर्पित किया.
दोनों परियोजनाओं का उद्देश्य गुवाहाटी और शिलांग व पूर्वोत्तर के अन्य भागों के बीच संपर्क में सुधार करना है. 48.76 किलोमीटर लंबे शिलांग बायपास का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा निर्माण, संचालन और हस्तांतरण (बीओटी) मोड के आधार पर निर्मित किया गया है और यह राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 40 और एनएच 44 (नवीन एनएच 6) को जोड़ता है. इससे असम के पूर्वोत्तर भागों, त्रिपुरा और मिजोरम से शिलांग की ओर आने वाले भारी वाहनों व ट्रकों के आवागमन के भार को कम करने में मदद मिलेगी .
जोराबट-बारापानी सेक्शन के 61.80 किलोमीटर के फोरलेन का लक्ष्य शिलांग और गुवाहाटी के बीच संपर्क बढ़ाना है. यह योजना एनएचएआई द्वारा वार्षिकी आधार पर डिजाइन बिल्ड फाइनेंस ऑपरेट एंड ट्रांसफर (डीबीएफओटी) मोड पर निर्मित की गई.
उपरोक्त योजनाएं पूर्वोत्तर राज्यों के अंदर और पूर्वोत्तर क्षेत्रों से देश के बीच अन्य भागों में संपर्क बढ़ाने के लिए क्षेत्रों के अलगाव से निपटने और सामाजिक आर्थिक स्थितियों में सुधार करने की दिशा में केंद्र सरकार के विस्तृत एजेंडे का एक हिस्सा है.
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