भारत के निर्वाचन आयोग ने 3 मार्च 2015 को राष्ट्रीय मतदाता सूची शुद्धीकरण और प्रमाणन कार्यक्रम(एनईआरपीएपी) अभियान को पुरे भारत में शुरू किया.
इसका उद्देश्य मतदाता सूचियों को त्रुटि रहित और प्रामाणिक बनाना है.
एनईआरपीएपी के बारे में
• इस कार्यक्रम के अंतर्गत मतदाताओं के ईपीआईसी(इलेक्शन प्राइवेसी इनफार्मेशन सेंटर) डेटा को भारतीय अनूठे पहचान पत्र प्राधिकरण(यूआईडीएआई) के आधार डेटा से जोड़ा जाएगा.
• मतदाताओं को निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के जरिये वेब सेवाओं के इस्तेमाल से एसएमएस, ई-मेल, मोबाइल एप्लीकेशन और राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल से अपनी-अपनी आधार संख्या भेजने की सुविधा दी गई है.
• मतदाता राज्य के कॉल सेंटर 1950 पर कॉल कर भी अपनी आधार संख्या लिखवा सकते हैं या उन्हें निर्धारित भरे हुए फार्म पर आधार संख्या और इपीआईसी यानी मतदाता फोटो पहचान पत्र के विवरण के साथ दोनों दस्तावेजों की छाया प्रति संलग्न कर जमा करानी होगी.
• इसके अलावा मतदाता पंजीकरण अधिकारी विशेष शिविर लगाकर आधार संख्या का विवरण भरने और संकलन का काम करेंगे. इस काम के लिए मतदाता सुविधा केन्द्रों , ई-सेवा केन्द्रों और जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा अधिकृत नागरिक सेवा केन्द्रों को भी यह काम करने के लिए कहा गया है.
• बूथस्तर के अधिकारी घर-घर जाकर विवरण एकत्रित करेंगे. जनता की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 12 अप्रैल 2015 को निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी देशभर में विशेष शिविर आयोजित करेंगे.
• एक से अधिक बार पंजीकरण वाले मतदाताओं को अपने निवास स्थान के अलावा दिखाए गए अन्य स्थानों से नाम हटवाने के लिए फार्म 7 भरने की सलाह दी गई है. मतदाता फार्म 7 एनवीएसपी के वेब पोर्टल या मतदाता पंजीकरण अधिकारी के सुविधा केन्द्र/विशेष शिविर/अन्य केन्द्रों जैसे कि ई-सेवा, नागरिक सेवा केन्द्रों के जरिये जमा करा सकते हैं.
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