अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक रंगास्वामी श्रीनिवासन (आर श्रीनिवासन) को नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन पुरस्कार-2011 से सम्मानित किया. आर श्रीनिवासन ने यह पुरस्कार सैमुअल ब्लम और जेम्स वाइने के साथ 1 फरवरी 2013 को ग्रहण किया. यह पुरस्कार उन्हें एग्जाइमर लेज़र की खोज शुरू करने के लिए दिया गया. इस लेज़र में मानव और पशु ऊतकों के प्रकाश अपघटन की क्षमता होती है जिसका प्रयोग लेज़र की पीआरके और लेसिक सर्जरी तकनीकों में होता है. इस खोज ने दृष्टि क्षमता बढ़ाने के क्षेत्र में क्रांति लाई
व्हाइट हाउस में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 12 वैज्ञानिकों को नेशनल मेडल ऑफ साइंस के पुरस्कार और वर्ष 2011 के 10 असाधारण खोजकर्ताओं को नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन के पुरस्कार प्रदान किए.
विदित हो कि यह पुरस्कार अमेरिकी सरकार की ओर से वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और खोजकर्ताओं को दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार हैं. वर्ष 1980 में स्थापित नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी सबसे पहले वर्ष 1985 में दिया गया.
रंगास्वामी श्रीनिवासन की खोज: आर श्रीनिवासन ने वर्ष 1981 में यह खोज की थी कि पराबैंगनी एग्जाइमर लेजर ऊतकों को बारीकी से खुरच सकता है. पराबैंगनी एग्जाइमर लेजर से आसपास की सतह पर कोई ऊष्मीय हानि नहीं होती. इस एपीडी (एब्लेटिव फोटोडीकंपोजिशन) सिद्धांत ने बाद में आंखों की सर्जरी के क्षेत्र में क्रांति ला दी. उन्होंनें मद्रास विश्वविद्यालय से विज्ञान विषय में वर्ष 1949 में स्नातक और वर्ष 1950 में परास्नातक किया. उन्होंने वर्ष 1956 में सदर्न कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से भौतिक रसायन में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की. आर श्रीनिवासन के नाम पर इस समय 21 पेटेंट हैं.
आर श्रीनिवासन को वर्ष 2002 में अमेरिका के इंवेटर हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया. आर श्रीनिवासन ने आईबीएम के टीजे वाटसन रिसर्च सेंटर में 30 वर्ष कार्य किया.
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