Acquisition of 205 hectares of agricultural land in Uttar Pradesh's Gautam Budh Nagar by the state on behalf of the Greater NOIDA Industrial Development Authority is illegle. सर्वोच्च न्यायालय(Supreme Court) के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और एके गांगुली की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 2008 में ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में 205 हेक्टेयर कृषि भूमि के अधिग्रहण की कार्रवाई को खारिज कर दिया. पीठ ने कहा कि संपत्ति का अधिकार यद्यपि मौलिक अधिकार नहीं है, लेकिन यह अब भी महत्वपूर्ण संवैधानिक अधिकार है. संविधान के अनुच्छेद 300 (ए) के अनुसार किसी भी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से कानूनी प्राधिकार के अलावा किसी तरह से वंचित नहीं किया जा सकता. पीठ ने कहा अदालतों को ऐसे मामलों में सतही नजरिया नहीं अपनाना चाहिए, जैसा कि मौजूदा मामले में हुआ. न्यायालयों को सामाजिक और आर्थिक न्याय के संवैधानिक लक्ष्यों को ध्यान में रखकर मामले में फैसला करना चाहिए.
विदित हो कि उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से मार्च 2008 में व्यापारिक उद्यमियों के लिए इस जमीन का अधिग्रहण किया था.
इससे पहले उच्च न्यायालय ने भूमि मालिकों की याचिका रद कर दी थी. इसके बाद वे उच्चतम न्यायालय की शरण में गए. भूमि स्वामियों की याचिका पर अदालत ने कहा कि यदि भूमि का अधिग्रहण किसी निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाता है तो यह धारा 17 (1) और 17 (4) का उल्लंघन है.
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