पर्यावरण कार्यकर्ता रमेश अग्रवाल को 28 अप्रैल 2014 को प्रसिद्ध गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार 2014 से सम्मानित किया गया. इस पुरस्कार को आमतौर पर ग्रीन नोबल भी कहा जाता है. यह पुरस्कार पर्यावरणविदों को विश्वभर में उनकी उपलब्धियों के लिए दिया जाता है.
अग्रवाल को यह पुरस्कार भारत भर में अनियंत्रित औद्योगिक विकास को नियंत्रित करने में उनके योगदान के लिए दिया गया है. उन्होंने गांव वालों को अपने सूचना का अधिकार का इस्तेमाल कर उद्योग विकास परियोजनाओँ के बारे में जानकारी मांगने के लिए संगठित किया था. उनके प्रयासों ने ही साल 2012 में छत्तीसगढ़ के गारे गांव में सबसे बड़े प्रस्ताविक कोयना खदान की परियोजना बंद करनी पड़ी थी. इन्होंने लोगों और औद्योगिकीकरण से पर्यावरण की रक्षा के लिए जन चेतना नाम से आंदोलन की शुरुआत की थी.
2014 के गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार विजेता
• अफ्रीका क्षेत्र
दक्षिण अफ्रीका के डेस्मंड डी'सा– उन्होंने दक्षिण डरबन के विभिन्न और बेदखल समुदायों को लामबंद कर जहरीले कचरे के डंप को बंद करवाने में सफलाता हासिल की. इस डंप से निकलने वाले जहरीले रसायन से आसपास के निवासियों के जीवन के लिए खतरा पैदा हो रहा था. इस प्रकार उन्होंने स्वच्छ और साफ पर्यावरण के अधिकार की सुरक्षा की.
• एशिया क्षेत्र
भारत के रमेश अग्रावल– उन्हें भारत भर में अनियंत्रित औद्योगिक विकास को नियंत्रित करने में योगदान देने के लिए पुरस्कृत किया गया. उन्होंने औद्योगिक विकास परियोजनाओं की जानकारी लेने के लिए गांव वालों को अपने सूचना का अधिकार की मांग करने के लिए संगठित किया था.
• यूरोप क्षेत्र
रुस के सुरेन गजरयान– एक जीव विज्ञानी के रूप में उन्होंने सरकार के भ्रष्टाचार और रूस के ब्लैक सी कोस्ट के साथ संघ संरक्षित वन के गैरकानूनी इस्तेमाल के कई अभियानों का नेतृत्व किया था.
• द्वीप और द्वीपीय राष्ट्रः
इंडोनेशिया के रूडी पुत्रा– पेशे से जीवविज्ञानी, उन्हें अवैध रूप से ताड़ के वृक्षारोपण के लिए पुरस्कृत किया गया जिसकी वजह से उत्तरी सुमात्रा के लुईसर पारिस्थितिकी तंत्र में बड़े पैमाने पर वनों की कटाई की जा रही थी. ऐसा कर उन्होंने सुमात्रा के राइनो के निवास स्थान पर मंडराने वाले गंभीर खतरे को कम किया.
• उत्तरी अमेरिका
अमेरिका की हेलेन होल्डेन स्लॉट्जी– उन्होंने देश के संविधान के एक खंड का इस्तेमाल किया जो नगरपालिकाओं को स्थानीय भूखंड उपयोग पर निर्णय लेने का अधिकार देता है, हेलेन स्लॉट्जी ने न्यूयॉर्क के विभिन्न शहरों को तेल और गैस कंपनियों द्वारा स्थानीय प्रतिबंधों को तोड़ने के बाद खुद का बचाव करने में प्रो– बानो कानूनी सहायता प्रदान की.
• दक्षिण एवं मध्य अमेरिका
पेरु की रूथ बुनेडिया मेस्टोक्वारी– उन्होंने बड़े पैमाने पर बनने वाले डैम के खिलाफ चलने वाले शक्तिशाली अभियान के लिए अशनिन्का लोगों को संगठित किया था.
गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार के बारे में
पहला गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार पृथ्वी दिवस के दिन 22 अप्रैल 1990 को दिया गया था. तब से इस पुरस्कार की घोषणा अप्रैल माह में की जाती है और विजेता को चुनाव अंतरराष्ट्री जूरी करती है.
सैनफ्रांसिस्को की गोल्डमैन पर्यावरण फाउंडेशन द्वारा हर वर्ष दिया जाने वाला यह पुरस्कार जमीनी स्तर पर काम करने वाले पर्यावरण कार्यकर्ताओँ को दिया जाता है.
यह पुरस्कार छह महाद्वीपों – अफ्रीका, एशिया, यूरोप, द्वीप और द्वीपीय राष्ट्र, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण एवं मध्य अमेरिका, के पर्यावरण नायकों को दिया जाता है.
हर एक पुरस्कार विजेता को 150000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है. यह पुरस्कार व्यक्तिगत नेताओं की पहचान कर और अन्य आम लोगों को प्राकृतिक दुनिया की रक्षा के लिए असाधारण कार्य करने की प्रेरणा देने के लिए दिया जाता है.
वर्ष 2014 गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार का 25 वां वर्ष है.
गोल्डमैन पुरस्कार अपने प्राप्तकर्ताओं को क्या देता है?
गोल्डमैन पुरस्कार जमीनी स्तर के इन नेताओं की आवाज को बड़े स्तर पर पहुंचाता है औऱ इन्हें
• अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्रदान करता है जो उनकी विश्वसनीयता को बढ़ाता है.
• उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को वैश्वि के पटल पर रखता है.
• नए सिरे और सुरक्षित पर्यावरण के लिए उन्हें 175000डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान करता है.
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