केंद्रीय़ प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीद्वारों के चुनावी हल्फनामों की छानबीन करने के लिए एक संयुक्त चार्टर तैयार किया है. इस संबंध में अप्रैल 2014 के प्रथम सप्ताह में सूचना जारी की गयी.
वैसे सभी उम्मीदवार जिनकी संपत्ति पांच करोड़ रुपये से अधिक हैं और उनके पास खुद का पैन कार्ड नहीं है, वे सभी कर विभाग और निर्वाचन आयोग के जांच के दायरे में होंगे. इस संबंध में पांच करोड़ रुपये की संपत्ति सीमा निर्धारित की गयी, जिसका इस्तेमाल कर विभाग उम्मीदवारों के हल्फनामों की जांच कर चोरी की दृष्टि से करेगा. इसमें उम्मीदवारों के पैन कार्ड की सत्यता की जांच भी शामिल है.
भारत निर्वाचन आयोग उम्मीद्वारों के पैन कार्ड का विवरण सीबीडीटी को मुहैया कराएगा ताकि वे वित्तीय पूर्ववृत्त की जांच कर सके. आयकर विभाग उन सभी विशेष मामलों पर गौर करेगा जिसमें पैसे में किसी भी तरह की असामान्य वृद्धि दिखेगी. ईसीआई के साथ मिलकर ‘रेड फ्लैग मैकेनिज्म’ नामक प्रणाली तैयार की गयी है क्योंकि अकेला आयकर विभाग सभी मामलों की जांच करने में समर्थ नहीं था.
इस प्रणाली के तहत आयकर विभाग उम्मीदवारों के चुनावी हल्फनामों और आयकर रिटर्न में दी गई सूचनाओं की भी तुलना करेगा. इसके साथ ही ईसीआई ने खुद की विशेष निर्वाचन व्यय निगरानी सेल बनाया है जबकि आयकर विभाग ने चुनावों के दौरान अवैध धन के इस्तेमाल पर नियंत्रण के लिए जांच और खुफिया इकाईयां बनाई हैं.
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